- लोको पायलट एपी बुंदेला, असिस्टेंट लोको पायलट चेतराम मीना, गार्ड सुबोध तिवारी और पीडब्ल्यू आई मुकेश कुमार के बयान दर्ज किए।
कानपुर । साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन हादसे की जांच के लिए पुलिस की ओर से इंस्पेक्टर पनकी की अगुवाई में गठित एसआईटी ने लोको पायलट एपी बुंदेला, असिस्टेंट लोको पायलट चेतराम मीना, गार्ड सुबोध तिवारी और पीडब्ल्यू आई मुकेश कुमार के बयान दर्ज किए।
ड्राइवर एपी बुंदेला ने एसआईटी को बताया कि 30 मीटर दूर से ही पटरी पर कुछ बाधा (ऑब्सटेकल) दिखी थी। ट्रेन 90 की स्पीड में थी। इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकने की कोशिश की तो पहिया और पटरी के बीच रगड़ होने की वजह से पटरी उखड़ गई और ट्रेन बेपटरी हो गई।
गार्ड सुबोध तिवारी ने अपने बयान में कहा कि कानपुर सेंट्रल आने वाला था। यहां से स्टाफ बदलना था। अचानक एक तेज आवाज के साथ झटका लगा और कई कोच पटरी से उतर गए। जब बाहर झांका तो धूल ही धूल दिखाई दे रही थी।
रात होने की वजह से कुछ समझ नहीं आ रहा था। हैंड सेट से ड्राइवर से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। वहीं पीडब्ल्यूआई मुकेश कुमार ने ट्रेन के पहिए और रेल के बीच के इंप्रेशन को लेकर बयान दिए।
एनआईए ने जांच कर रिपोर्ट की ली
इस पूरे मामले की जांच में जुटी एनआईए ने शुक्रवार को लगभग 100 लोगों के बयानों की कॉपी ली। घटनास्थल का निरीक्षण किया। फॉरेंसिक टीम की जांच की रिपोर्ट के आधार पर उन लोगों से बात की जो घटनास्थल के सबसे करीब थे। लखनऊ की टीम से भी बात की। एनआईए सूत्रों की मानें तो घटनास्थल के पास अभी तक कोई भी ऐसी चीज नहीं दिखी है जिससे आतंकी घटना सिद्ध हो रही हो। नौ सीसीटीवी फुटेज में पहली ट्रेन निकलने के बाद से हादसे के बीच कोई आता और जाता नहीं दिखाई दिया है।
बोल्डर से 120 टन वजनी ट्रेन का कैटल गार्ड भी टूटा
प्रारंभिक जांच में पूरा जोर पटरी के टुकड़े और ट्रैक के संपर्क पर है। समझने का प्रयास किया जाएगा कि आखिर पटरी किस तरह से रखी थी, जो ट्रेन का कैटल गार्ड तक टूट गया। एसएजी के चेयरमैन प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर हैं।