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अमृतपाल सिंह जंगल के रास्ते नेपाल तो नहीं पहुंच गया? सोशल मीडिया फेसबुक से भी भागे समर्थक

  • ‘वारिस पंजाब दे’का प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ पुलिस खोजबीन लगातार जारी है।
  • अमृतपाल सिंह कहीं नेपाल तो नहीं भाग गया। सोशल मीडिया फेसबुक से समर्थक भाग रहे हैं।
    नई दिल्ली ।
    ‘वारिस पंजाब दे’का प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ पुलिस और खूफिया एजेंसियों की खोजबीन लगातार जारी है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि अमृतपाल सिंह कहीं नेपाल तो नहीं भाग गया? अगर वह उत्तराखंड में ही है तो उसके लिए नेपाल तक पहुंचना आसान नहीं होगा। अमृतपाल के यूपी- हिमाचल प्रदेश से उत्तराखंड में दाखिल होने के इनपुट पर अंतरराज्यकीय बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। साथ ही उत्तराखंड-नेपाल सीमा पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने के साथ ही गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है। फेसबुक पर अमृतपाल के समर्थन पर पोस्टों को लाइक और शेयर करने के बाद पुलिस ने संदिग्ध लोगों का डोजिएर बनाए थे। पुलिस की सख्ती के आगे अब समर्थक भी सोशल मीडिया एकाउंट से दूरी बनाने लगे हैं। पुलिस पूछताछ के बाद तो समर्थक अपने-अपने सोशल मीडिया एकाउंट भी बंद करने लगे हैं। अमृतपाल के नेपाल आवााजाही करने की आशंका को देखते हुए सीमांत में सुरक्षा बल अलर्ट हो गया है। धारचूला से लेकर झूलाघाट तक भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी ने चौकसी बढ़ा दी है। नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क नजर आई। खोजी कुत्तों की मदद लेकर आवाजाही कर रहे लोगों के सामान की जांच की गई। पुलिस व एसएसबी यहां सीमा पर झूलापुलों से आवाजाही कर रहे लोगों की वास्तविक पहचान को लेकर काफी सजगता बरत रही है। सुरक्षा एजेंसियों को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के वेश बदलकर नेपाल परिवेश करने के इनपुट मिले हैं। ऐसे में सुरक्षा एजेंसिया किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहती। खुफिया तंत्र ने भी जिले में आवाजाही करने वाले लोगों पर नजर रखनी शुरू कर दी है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के झूलाघाट, बलुवाकोट, जौलजीबी, धारचूला के साथ ही जिले की नेपाल से लगी खुली सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। चौहान ने बताया कि खोजी कुत्तों के साथ सुरक्षा कर्मी आवाजाही कर रहे लोगों की जांच कर रहे हैं। कहा कि अमृतपाल को पकड़ने के लिए नेपाल बॉर्डर पर अतिरिक्त सुरक्षा फोर्स को तैनात किया गया है।
    भारत-नेपाल की फोर्स ने गश्त की
    खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की तलाश में सीमा पर गहन चेकिंग जारी है। उसकी तलाश में भारत और नेपाल की संयुक्त फोर्स ने वन महोलिया से सेमलघाट तक 15 किलोमीटर पैदल गश्त की। इस दौरान एसएसबी की तीन कंपनियां, पुलिस और खुफिया विभाग के लोग शामिल रहे। सीमा से सटे नगरा तराई, वन महोलिया सहित कई गांवों में एसएसबी ने कांबिंग की। इस दौरान दोनों देशों के नागरिकों से सीमा पर पूछताछ की गई। सिसैया गांव में बैरियर लगाकर प्रतिदिन आवाजाही करने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है। एसओ झनकइया रविन्द्र बिष्ट ने बताया कि शारदा बैराज से लेकर बॉर्डर पर सेमलघाट, वन महोलिया तक पड़ने वाले गांवों में अमृतपाल के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। लोगों की आईडी चेक की जा रही है। लोगों को अमृतपाल और उसके भगोड़े साथियों के अपराधों व भागने के विषय की जानकारी दी जा रही है। बताया कि भारत से नेपाल जाने वाली सभी गाड़ियों की गहनता से जांच की जा रही है। बॉर्डर पर रात के समय अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि भगोड़ा अमृतपाल भागने में सफल न हो सके।
    जंगलों के रास्ते नेपाल तो नहीं पहुंच गया अमृतपाल ?
    वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के उत्तराखंड में होने का इनपुट मिलने से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं। वहीं यह भी संभावना जताई जा रही है कि अमृतपाल सिंह कहीं नेपाल तो नहीं भाग गया? अगर वह उत्तराखंड में ही है तो उसके लिए नेपाल तक पहुंचना आसान नहीं होगा। सीमा पर बने सीतापुल, धारचूला, बलुआकोट, जौलजीबी, झूलाघाट, ढोडा, टनकपुर के झूलापुल और बनबसा का मोटर पुल सहित आवाजाही के कुल 8 अंतरराष्ट्रीय रास्ते हैं। उत्तराखंड पुलिस के आईजी कुमाऊं डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि अमृतपाल के नेपाल भागने की संभावना के बीच पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने चेकिंग अभियान तेज कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय रास्तों के अलावा सीमा से लगे संभावित इलाकों में पूछताछ की जा रही है। –

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