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- सुप्रीम कोर्ट एक वकील पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया.
- कार्रवाई एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के अपनी जगह जूनियर वकील को भेजने के कारण हुई.
- एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और माफी मांगी.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल एक अलग ही मामला देखने को मिला, जहां कोर्ट ने नाराज होकर एक वकील (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) पर ही 2,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया. दरअसल ये कार्रवाई एक केस पर सुनवाई के स्थगन की मांग के लिए ऑन रिकॉर्ड एडवोकेट के अपनी जगह पर एक जूनियर वकील को भेजने के कारण हुई. जैसे ही चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई शुरू की, जूनियर वकील ने पेश होकर मामले को स्थगित करने का अनुरोध किया. क्योंकि मौके पर मुख्य वकील उपलब्ध नहीं थे. सीजेआई चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आप हमें इस तरह हल्के में नहीं ले सकते. अदालत के कामकाज में लागत शामिल होती है. बहस शुरू करें. इसके बाद जूनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्हें मामले के बारे में जानकारी नहीं है और इस मामले पर बहस करने के लिए उनके पास कोई निर्देश नहीं है. कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताते हुए आगे कहा कि हमें संविधान से मामले की सुनवाई के निर्देश मिले हैं. कृपया ऑन रिकॉर्ड वकील को बुलाएं. उनको हमारे सामने पेश होने के लिए कहें. सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और अदालत से माफी मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने वकील पर नाराजगी जताते हुए पूछा कि उन्होंने बिना किसी कागजात और मामले की जानकारी के एक जूनियर को अदालत में कैसे भेज दिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश देते हुए कहा कि एक जूनियर वकील को बिना किसी कागजात के और बिना तैयारी के भेजा गया, जब कोर्ट ने स्थगन देने से इनकार किया तो ऑन रिकॉर्ड वकील उपस्थित हुए. केस को को इस तरीके से नहीं चलाया जा सकता. यह अदालत और जूनियर वकील दोनों के लिए गलत है. इसके चलते एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को 2,000 रुपये का जुर्माना जमा करेंगे और उसकी रसीद पेश करेंगे.