- चीन ने मैप जारी कर अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बताया
- अंतरराष्ट्रीय भू-खुफिया विशेषज्ञों ने चट्टान में 11 पोर्टलों होने पुष्टि की
- अक्साई चिन और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है।
चीन बीतें कई दशकों से आदतों से मजबूर है वह बार-बार भारत के हिस्सों के लेकर नक्शे निकालता रहा है और भारत के कई इलाकों पर अपना दावा करता रहा हैं। बीतें दिन चीन ने भारत के कई हिस्सों पर अपना कब्ज़ा बताया था जिसके बाद अब चीन विवादित अक्साई चिन क्षेत्र में सुरंग बना रहा है। मैक्सार की सैटेलाइट तस्वीरों में इसका खुलासा हुआ है। लद्दाख के देपसांग से 60 किमी दूर एक नदी घाटी के किनारे पहाड़ी पर सुरंगें होने का दावा है। इनका इस्तेमाल सैनिकों और हथियारों को रखने के लिए किया जा सकता है। यह क्षेत्र अक्साई चिन में पड़ता है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पूर्व में है। यह भारत का इलाका है लेकिन अभी चीन के कब्जे में है।
चीन ने मैप में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना बताया
चीन के सरकारी न्यूज पेपर ने एक्स (पहले ट्विटर) पर दोपहर 3:47 बजे नया मैप पोस्ट किया था। जिसमें चीन ने मैप जारी कर अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बताया था। इसके अलावा उन्होंने ताइवान और साउथ-चाइना सी को भी अपने क्षेत्र में दिखाया था।
सैटेलाइट तस्वीरों में दिखे नए 4 बंकर
18 अगस्त की सैटेलाइट तस्वीरें घाटी के किनारे चार नए बंकरों को बनाए जाने का संकेत देती हैं। साथ ही तीन सुरंग क्षेत्रों के साथ हर साइट पर दो और पांच पोर्टल या सुरंगें हैं, जो पहाड़ी पर बनाई जा रही हैं। कई जगहों पर भारी मशीनरी भी नजर आ रही है।अंतरराष्ट्रीय भू-खुफिया विशेषज्ञों ने चट्टान में 11 पोर्टलों होने पुष्टि की ।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन सैन्य ठिकाना बनाने के लिए पहाड़ी के नीचे सुरंग बनाने का काम कर रहा है। चीन अपने बड़े हथियारों और सैनिकों को भारत की तरफ से एयरस्ट्राइक से बचाना चाहता हैं।सैटेलाइट इमेजरी एक्सपर्ट डेमियन सायमन ने कहा- सीमा के इतने करीब अंडरग्राउंड फैसिलिटी बनाकर चीन अक्साई चिन में भारतीय एयरफोर्स की मौजूदा बढ़त को कम करना चाहता है।
भारत ने कहा था- नाम बदलने से हकीकत नहीं बदल जाएगी
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- चीन ने नक्शे में जिन इलाकों को अपना बताया है, वो उनके नहीं हैं। ऐसा करना चीन की पुरानी आदत है। अक्साई चिन और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है। पहले भी चीन भारत के हिस्सों के लेकर नक्शे निकालता रहा है। उसके दावों से कुछ नहीं होता। हमारी सरकार का रुख साफ है। बेकार के दावों से ऐसा नहीं हो जाता कि किसी और के इलाके आपके हो जाएंगे।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन की इस हरकत पर पलटवार किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था- हमारे सामने चीन की इस तरह की हरकतों की रिपोर्ट्स पहले भी आई हैं। हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी।