करीब चार साल पहले उमरिया जिले में पुलिस अभिरक्षा में स्वामीदीन बैगा की मौत होने के मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग के दखल के उसकी दो नाबालिग पुत्रियों को मुआवजा राशि मिल गई है। मृतक की दोनो बेटियों के खाते में ढ़ाई-ढ़ाई लाख रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। मामले में पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा आयोग को इस संबंध में प्रतिवेदन भेजा गया है। आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, ताला पुलिस चौकी में एक बैगा आदिवासी की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया था। चौकी की पुलिस उसे बिना वारंट के घर से उठा लाई थी और फि र उसका शव अस्पताल में मिला। परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस अधीक्षक उमरिया ने ताला पुलिस चौकी के प्रभारी को सस्पेंड कर दिया था।
इन मामलों में भी मिली राहत :
आयोग द्वारा संज्ञान लेने और मुआवजे की अनुशंसा के बाद चार अन्य मामलों में भी पीडि़त और उनके परिजनों को राहत मिली है। आयोग के अनुसार, नर्मदापुरम् में मृतक सौरभ बारस्कर के पिता सुखदेव बारस्कर को चार लाख रूपये मुआवजा राशि दे दी गई है। इस मामले में अधिकारियों के अनुसार, सौरभ की मौत कुएं में गिरकर पानी में डूबने से हुई थी। वहीं रीवा के मुद्रिका प्रसाद दुबे के खाते में भी पेंशन एरियर राशि का भुगतान हो गया है। सिंगरौली में कुएं में डूबने से दो बच्चों की मृत्यु हो जाने के कारण बच्चों की वैध वारिस उनकी माता बेबी विन्द पत्नी राजेन्द्र विन्द को चार-चार रूपये (कुल आठ लाख रूपये) मुआवजा राशि दे दी गई है। नर्मदापुरम् जिले के शिवपुर थाना पुलिस द्वारा अवैध रूप से शौर्य को अपनी अभिरक्षा में रखने के मामले में एक लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि दो माह के भीतर अदा करने की अनुशंसा शासन से की है।