भोपाल। अनूपपुर जिले की नवगठित परिषद डोला, डूमरकछार, वनगवां और शहडोल जिले की नगर परिषद बकहो में नियम विरुद्ध कर्मचारियों के संविलियन करने की विभागीय जांच के बाद विकास चन्द्र मिश्रा तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, संदीप सिंह उरैती तत्कालीन उप यंत्री और अजीत रावत तत्कालीन उप यंत्री को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही आर्थिक क्षति की राशि की वसूली के भी निर्देश दिये गये हैं। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि किसी भी स्तर पर अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
जयदीप दीपांकर तत्कालीन मुख्य पालिका अधिकारी और राकेश तिवारी तत्कालीन कार्यपालन यंत्री के विरुद्ध भी विभागीय जांच के बाद दीर्घ-शास्ति का निर्णय लिया गया है। इनका प्रकरण परामर्श के लिये मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा जा रहा है।
2.55 करोड़ की होगी वसूली
तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री मिश्रा और तत्कालीन उप यंत्री संदीप उरैती के कार्यों से निकायों को हुई आर्थिक क्षति की कुल राशि 2 करोड़ 55 लाख में से अनुपातिक राशि की वसूली की जायेगी। साथ ही उप यंत्री श्री रावत से भी आर्थिक क्षति की कुल राशि 65 लाख में से अनुपातिक राशि की वसूली की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि नगर परिषद बकहो, डोला, डूमरकछार एव वनगवां में पंचायतकालीन 3 संविदा कर्मियों एवं 246 मानदेय कर्मियों के नियम विरूद्ध संविलियन के लिए उत्तरदायी पाये गये मकबूल खान तत्कालीन संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास संभाग शहडोल को विभागीय जाँच के बाद 30 दिसंबर 2022 को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।
साथ ही इन निकायों को हुई आर्थिक क्षति की कुल 3 करोड़ 20 लाख में से अनुपातिक राशि भी खान से वसूल करने के निर्देश दिये गये थे।
One CMO and two S Engineers were sacked for merging against the rules of the employees.