प्रदेश के नवनियुक्त शिक्षकों को अब दूसरे वर्ष से ही शत-प्रतिशत वेतन मिलेगा। शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह घोषणा की है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पूर्व सरकार ने शिक्षकों को पूर्ण वेतन देने के लिए कई साल प्रतीक्षा करने का आदेश निकाला था, जो गलत था। इसे बदल कर नए सिरे से लागू किया जाएगा। अब शिक्षकों को दूसरे वर्ष में ही वेतन की 100 प्रतिशत राशि प्राप्त होने लगेगी। प्रथम वर्ष 70 प्रतिशत राशि के बाद 100 प्रतिशत प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना होता था। अब यह प्रक्रिया एक वर्ष में पूर्ण हो जाएगी। इसके लिए शिक्षकों को 4 वर्ष की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी।
मुख्यमंत्री निवास पर बुधवार को नव नियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान और अन्य अतिथियों ने शुभारंभ किया। मध्यप्रदेश गान के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न जिलों में पदस्थ किए गए कुछ शिक्षकों को प्रतीक स्वरूप नियुक्ति बधाई पत्र सौंपे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भैरूंदा (नसरुल्लागंज) के शिक्षकों ने अपनी स्वयं की राशि से कक्षाओं को स्मार्ट क्लास बनाकर बच्चों को सहयोग दिया। यह शिक्षकों के सामाजिक योगदान का अनूठा उदाहरण है।
मैं अगर मुख्यमंत्री नहीं होता, तो निश्चित तौर पर शिक्षक ही होता :
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने दर्शन शास्त्र में एमए किया और हमीदिया कॉलेज में पढ़ाया भी, मैं अगर मुख्यमंत्री या राजनीती के क्षेत्र में नहीं होता, तो निश्चित तौर पर शिक्षक ही होता, क्योंकि इससे बेहतर कोई काम नहीं हैं। यदि आपको बच्चों को सकारात्मक दिशा में बदलना है तो पहले स्वयं को बदलना होगा। चरित्रवान बच्चों के निर्माण से भारत बन कर खड़ा हो जाएगा। बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं, आप जैंसा गढ़ दोगे वैंसा बन जाएंगे। भारत को और इस मप्र को बनाने में शिक्षकों का अहम योगदान है। आप आचरण से सिखा सकते हो, आप भाषण से नहीं सिखा सकते। अगर शिक्षक बने हैं, तो दूसरे की जिंदगी बनाकर अपना जीवन सार्थक करेंगे, आनंद आएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजनरी लीडर हैं :
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजनरी लीडर हैं। उनके दृढ़-संकल्प से एक सर्व सम्मत शिक्षा नीति-2020 भारत में आई है। इसके अंतर्गत ही शिक्षा व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने स्वामी विवेकानंद के उस कथन का उल्लेख किया कि शिक्षा मनुष्य को मनुष्य बनाती है। शंकराचार्य जी ने भी शिक्षा को इस लोक और परलोक में भी सही दिशा देने में उपयोगी बताया था। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शिक्षा के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं- विद्यार्थियों को ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना।
बेहतर गुरू बन कर ऐसे बच्चे तैयार करें जो जमाना बदल दें :
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि बाल्य काल में जैत ग्राम में उन्होंने रामायण की चौपाइयों की व्याख्या और अर्थ बताने का कार्य करते हुए एक वक्ता की पहचान बनाई थी। यह ग्राम के विद्यालय में गुरू से प्राप्त मार्गदर्शन का ही परिणाम था। मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश गान का निर्माण करने का भी उल्लेख किया जो सभी नागरिकों के लिए प्रेरक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक का कार्यकाल औसत रूप से 30 साल माने तो हमें विचार करना चाहिए कि बेहतर गुरू बन कर ऐसे बच्चे तैयार करें जो जमाना बदल दें। शिक्षकों की भूमिका सार्थक होती है तो समाज भी शिक्षकों का आदर करता है और उनके चरण धोकर पीता है।