देश के सबसे बड़े वन क्षेत्र वाले मध्य प्रदेश के टाइगर पूरे देश के पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं। मध्य प्रदेश में करीबन 12 लाख से ज्यादा पर्यटक बाघों के दीदार करने के लिए राष्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों में भ्रमण करने के लिए पहुंच रहे हैं, इससे शासन को करीबन 40 करोड़ के राजस्व की प्राप्ती हो रही है, साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों के लिए रोजगार के रास्ते भी खुल रहे हैं। पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के मुताबिक कोरोना जैसे कठिन दौर के बाद मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व ने ही पर्यटन को बढ़ाने में मदद दी है। प्रदेश में घूमने आने वाले पर्यटकों को बाघ कभी निराश नहीं करते हैं। प्रदेश के टाइगर रिजर्व में कई रोमांचित करने वाले दृश्य दिखाई देते हैं।
प्रदेश में 6 टाइगर रिजर्व
प्रदेश में पेंच, कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पन्ना और संजय डुबरी मिलाकर छह टाइगर रिजर्व हैं। इनमें अकेले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में ही करीबन 150 बाघ मौजूद हैं। यही वजह है कि यहां सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट सुदेश वाघमारे के अनुसार हमारे टाइगर रिजर्व हमेशा पर्यटकों की डिमांड में रहते हैं। देश में वन्य जीव पर्यटन आमतौर पर टाइगर पर्यटन का पर्याय बन चुका है। प्रदेश के टाइगर रिजर्व इस मामले में समृद्ध हैं। प्रदेश में पिछली गणना के मुताबिक 526 बाघ हैं, इससे कहीं ज्यादा 3 हजार 421 तेंदुए हैं और अब प्रदेश में चीता भी हैं।
नया वर्ष मनाने एक लाख पर्यटक आए
प्रदेश के टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा पर्यटकों की संख्या हर साल नए वर्ष पर पहुंचती है। दिसंबर के आखिरी हफ्तों में टाइगर रिजर्व की एडवांस में बुकिंग हो जाती है। दिसंबर 2022 और इस साल जनवरी माह के पहले पखवाड़े में 1 लाख से ज्यादा पर्यटक प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों का दीदार करने पहुंचते हैं। हालात यह रही कि इस दौरान टाइगर रिजर्व की लगभग सभी 13 हजार 847 जिप्सियों के परमिट की बुकिंग हुई। टूर एंड ट्रेवल्स सेक्टर के जानकार बताते हैं कि प्रदेश के टाइगर रिजर्व पर्यटकों को खूब लुभाते हैं। पिछले साल में प्रदेश के टाइगर रिजर्व को लेकर पर्यटकों का आकर्षण खूब बढ़ा है। इसके चलते टाइगर रिजर्व के आसपास सुविधाएं भी बेहतर हुई हैं, इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार बढ़ा है। टाइगर रिजर्व में नाइट सफारी ने पर्यटकों के रोमांच को और बढ़ाया है।