इंदौर के एक जिला अस्पताल में पदस्थ वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंदराय को स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्तगी के आदेश में 8 बिंदु दिए गए हैं, जिनके आधार पर उन्हें बर्खास्त किया गया है। बर्खास्तगी के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए डॉ. आनंद राय ने कहा कि अब वे सक्रिय राजनीति में कदम रखेंगे। आनंद राय व्यापमं कांड के खुलासे के प्रमुख सूत्रधारों में शामिल रहे हैं। कुछ सालों से वे जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) के संपर्क में हैं। डॉ. राय को बीते साल 7 अप्रैल को पदस्थापना स्थल इंदौर के हुकुमचंद चिकित्सालय में ड्यूटी में लापरवाही के मामले में निलंबित किया था। निलंबन के दौरान क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक ऑफिस रीवा पदस्थ किया था। लेकिन, निलंबन के बाद डॉ. रॉय ने रीजनल डायरेक्टर हेल्थ रीवा में ज्वाइन नहीं किया था। आदेश में डॉ. राय पर आठ आरोपों का जिक्र भी किया गया है। आदेश में बताया गया कि आठ आरोपों का जवाब डॉ. राय से मांगा गया था। लेकिन डॉ. राय से इन आरोपों का संतोषजनक जवाब नहीं मिला। लिहाजा इन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जा रहा है। पहले आरोप में बताया कि बीते साल 29 मार्च को इंदौर के हुकुमंचंद चिकित्सालय में आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इस दौरान डॉ. राय अनुपस्थित पाए गए। जांच में आगे यह भी पाया कि उपस्थिति के बाद भी रजिस्टर में हाजरी दर्ज थी।
आदेश में इस आरोपों का किया गया जिक्र
आदेश में लिखा गया कि डॉ. राय की अनुपस्थिति को लेकर निरीक्षण प्रतिवेदन रिपोर्ट भी जांच के आधार पर तैयार की गई। इसमें बताया गया कि 15 फरवरी से 15 मार्च 2022 तक की अवधि में सिर्फ 18 दिन ही ड्यूटी पर रहे। बाकि छह दिनों को लेकर न तो अवकाश संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई। अगले बिंदु में लिखा है कि डॉ. राय ने फेसबुक पर एक पोस्ट की थी, जांच में पोस्ट को उप संचालक स्वास्थ्य सेवा, लीगल के विरुद्ध बताया गया है। उक्त पोस्ट में सरकारी सेवा में रहते हुए डॉ. आनंद रायसे सरकार के खिलाफ अनर्गल बातें लिखी थीं, जो सिविल सेवा आचरण नियमों के खिलाफ थीं