इंदौर का एक साइकिलिस्ट शख्स अपनी दोस्तों के साथ बरात की तरह साइकिल पर लेकर पहुंच गया। शादी 11 जून को है। इसके दो दिन पहले निकले बाने में वह साथियों के संग दुल्हन के घर पहुंचा था। यह ग्रुप साइकिलिंग की यात्रा 9 जून की अल सुबह 6 बजे निकाली गई। बारात दुल्हन के घर पहुंची जहां सभी का स्वागत सत्कार किया गया।
यह अनोखी आयोजन करने वाले दूल्हे का नाम अमोल वाधवानी निवासी तेजाजी नगर (27) है। शादी खातीवाला टैंक निवासी डिम्पल से 10 जून को होनी है। दरअसल अमोल एक अच्छे साइकिलिस्ट हैं और कई साइकिल यात्राएं कर चुके हैं। 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे पर भी वे 117 किमी की यात्रा कर चुके हैं। परिवार का रेडिमेड गारमेंट का बिजनेस है।
अमोल ने बताया कि वे अपने विवाह के अवसर खासकर कुछ ऐसा करना चाहते थे जो अपने आप में अलग हो। दूसरी ओर उनके परिवार में शुरू से ही बारात को लेकर अलग धारणा रही है कि इसे सादगी से निकालना चाहिए। बुजुर्ग हमेशा यही राय देते रहे हैं कि तीन-चार घंटे तक बारात निकालने के दौरान ट्रैफिक बाधित होता है और दूसरा घोड़े पर भी यह एक तरह का अत्याचार है। उसे शोर-शराबे पटाखे, डीजे की आवाज से परेशानी होती है।
दुल्हन को दोस्त से पता चला तो चौंक गई
बताया गया कि अमोल इस तरह से आकर मंगेतर को सरप्राइज देने वाले थे। लेकिन उन्हें एक दिन पहले नजदीकी दोस्त के जरिए इसका पता चल गया था। हालांकि वह यह बात सुनकर चौंक गई थी लेकिन सहमत थी।
बैन्ड-बाजे के साथ साइकिल पर सवार दूल्हे राजा
शुक्रवार सुबह 5 बजे अमोल परिवार के लोगों व अपने अन्य साइकिलिस्ट दोस्तों के साथ लाल बाग पहुंचे। इस दौरान उनके परिचित डॉ. भरत रावत, अमोल के स्कूल के टीचर रही माया जोशी, रचना जैन भी वहां पहुंच चुकी थी। सुबह 6 बजे बैंड बाजे के साथ फिर सभी बाराती साइकिल से दुल्हन के घर के लिए रवाना हुए। मॉर्निंग वॉक कर रहे लोग भी इस नजारे को देख अचरज में पड़ गए। करीब पौन घंटे में बारात दुल्हन के घर पहुंची।
यहां अमोल ने अपने साथियों के साथ साइक्लिंग करते हुए A और D की आकृति बनाई जिसे ड्रोन कैमरे से कैद किया गया। अमोल ने बताया वे अमोल और डिम्पल बनाना चाहते थे लेकिन फिर सिर्फ A और D बनाया जिसे दुल्हन पक्ष के लोगों ने काफी सराहा। इसके साथ ही बारातियों का स्वागत सत्कार हुआ और नाच-गाना हुआ। इस मौके पर दूल्हे ने दुल्हन को साइकिल पर आगे बैठाकर घुमाया। बकौल अमोल 11 जून को दोपहर में शादी है। इस दौरान परिवार के लोग विवाह हॉल में ही सांकेतिक बारात निकालेंगे। दोपहर को फेरे लेने के बाद परिवार ने एक और निर्णय लिया है। जब वे दुल्हन को घर ले जाएंगे तो नाचने-गाते हुए एक बारात जैसे माहौल में ले जाएंगे। इसके बाद शाम को रीसैप्शन होगा।