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सही खाने की प्रतियोगिता में एक साल पहले देश में नंबर एक था इंदौर, अब 23वें क्रम पर

  • प्रदेश के तीन शहर भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन टाप टेन में स्थान हासिल करने में कामयाब रहे।
    इंदौर ।
    खान-पान की शुद्धता, गुणवत्ता और जागरूकता के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) की ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता में इंदौर देशभर में 23वें नंबर पर खिसक गया है, जबकि एक साल पहले वह देशभर में पहले क्रम पर था। इंदौर की यह गिरावट आश्चर्यजनक मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता के लिए इस बार खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) खास काम नहीं कर पाया। प्रतियोगिता के कुछ विशेष मापदंडों पर इंदौर खरा नहीं उतर पाया। अपर कलेक्टर अभय बेडेकर के अनुसार पिछली प्रतियोगिता में ही इंदौर ने कुछ मापदंडों पर लक्ष्य से अधिक उपलब्धि हासिल कर ली थी। इस कारण अबकी बार अधिक गुंजाइश नहीं थी। आबादी के हिसाब से इंदौर के पास कठिन लक्ष्य थे, लेकिन हम निराश नहीं हैं। अगली बार और बेहतर काम करेंगे।
    प्रदेश के तीन शहर टाप टेन में
    उधर, प्रदेश के तीन शहर भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन टाप टेन में स्थान हासिल करने में कामयाब रहे। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता में भोपाल ने दूसरा, ग्वालियर ने पांचवां और उज्जैन ने आठवां स्थान स्थान प्राप्त किया है। तमिलनाडु का कोयंबटूर(196 अंक) पहले और उत्तर प्रदेश का वाराणसी तीसरे स्थान पर रहे। सागर ने भी इस सूची में अपनी जगह बनाते हुए 25वां स्थान हासिल किया है।
  1. खाद्य कारोबारियों के लाइसेंस बनाने में पिछड़े
    ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता के लिए एफएसएसएआइ का नियम था कि किसी भी शहर को अपनी कुल आबादी का 0.5 प्रतिशत खाद्य लाइसेंस बनाना है। जनगणना के अनुसार, इंदौर की आबादी करीब 30 लाख मानी गई। पिछली प्रतियोगिता में ही इंदौर ने करीब 32 हजार लाइसेंस और पंजीयन कर लिए थे। इस हिसाब से इंदौर ने 100 प्रतिशत से भी अधिक लक्ष्य हासिल कर लिया था। इस बार इस लक्ष्य में 20 प्रतिशत अतिरिक्त लाइसेंस बनाना थे, लेकिन इंदौर इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया।
  2. मेघदूत चौपाटी नहीं बनी क्लीन स्ट्रीट फूड हब
    प्रतियोगिता के अंतर्गत शहर के खान-पान के किसी एक क्षेत्र को क्लीन स्ट्रीट फूड हब के रूप में चिन्हित करना था। साथ ही खाने की गुणवत्ता और सफाई के लिहाज से एफएसएसएआइ से इसका प्रमाण-पत्र भी हासिल करना था। इंदौर ने विजय नगर क्षेत्र की मेघदूत चाट-चौपाटी को इस वर्ग में शामिल किया था, लेकिन ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता के लिए इसे क्लीन स्ट्रीट फूड हब का प्रमाण-पत्र नहीं मिल पाया। अवैध रूप से सर्विस रोड पर यह चौपाटी लगी होने से नगर निगम की तरफ से भी इसकी वैधता नहीं है। गत वर्ष 56-दुकान और सराफा चौपाटी को क्लीन स्ट्रीट फूड हब का दर्जा मिला था।
    देश के 260 से ज्यादा जिले हुए थे शामिल
    इस स्पर्धा की शुरुआत एक मई 2021 से हुई और 15 नवंबर 2022 तक चली। इसमें देश के 260 से ज्यादा जिलों को शामिल किया गया था। इस दौरान खाद्य सुरक्षा, शुद्धता और जागरूकता को लेकर विभिन्न मापदंड तय किए गए थे। इसमें खाद्य निर्माता, व्यवसायी, होटल, रेस्त्रा, किराना आदि के लाइसेंस और पंजीयन के साथ ही प्रशिक्षण, जागरूकता अभियान, नमूनों की जांच आदि के लिए 200 नंबर तय किए गए थे।

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