गुना के बमोरी में शिक्षा विभाग में धाधंली का मामला सामने आया है। यहां यही चर्चा का विषय बना हुआ है। 51 से अधिक शिक्षकों की फाइलें खसकाने का मामला सामने आया है। दरअसल यहां बमोरी के उक्त 32+19=51 नवनियुक्त शिक्षकों की फाइलें हवलदार सिंह बाबू द्वारा गुना में रहकर कार्य करने वाले संकुल बमोरी और बीईओ के स्टाफ को कई दिन पहले सुपुर्द कर दिए और पावती प्राप्त कर ली है। बावजूद इसके शिक्षकों के यूनिक कोड नही बन पाए। सवाल ये है कि जब अभी तक यूनिक कोड नही बन पाए तो फिर ट्रेजरी कोड कब तक बन पाएंगे और शिक्षकों को आखिर कब तक तनख्वाह मिलेगी। कुल मिलाकर गुना से लेकर बमोरी तक जन चर्चा का विषय बना हुआ है कि शिक्षा विभाग में किस कदर धांधली मचा रखी है। वहीं विभाग में बैठे अफसर भी ऐसे भ्रष्टाचारी कर्मचारियों को शरण दे रहे हैं, क्योंकि यह सब चोर-चोर मौसेरे भाई हैं। इस संबंध में डीईओ शिक्षा अधिकारी गुना से बात करना चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नही किया।
मैं दिखवाता हूं फ्रेंक नोबल ए., कलेक्टर गुना
मैं इस मामले को शीघ्र ही दिखवाता हूं, क्या मामला है। आप इस मेटर में डीईओ से भी बात कर लें।
रवि बघेल, बाबू बमोरी बीईओ ऑफिस ने क्या कहा?
यूनिक कोड संकुल प्राचार्य बनाते हैं। परवाह का तो मुझे एक भी नही पता और बमोरी के मुझे पूछना पड़ेगी। हमारे मुकेश मोर्य बाबूजी बना रहे हैं। तो क्या वे बाबूजी हैं तो उन्होंने कहा कि नही हैं तो वे शिक्षक, लेकिन अपने गुडविल में बुला लेते हैं किसी को भी। तो फिर क्या दिक्कत आ रही है। इस पर उन्होंने कहा कि ओटीपी नही पहुंचने के कारण यूनिक कोड बनाने में देरी हो रही है।
मुकेश मोर्य शिक्षक, सिमरोद बीएलओ ने क्या कहा?
मैं शिक्षक हूं, लेकिन साहब बोल देते हैं तो थोड़ा काम कर देते हैं। अभी तक कितने यूनिक कोड बने हैं जिस पर उन्होंने बताया कि अभी तो एक ही जनरेट हुआ है। हमारे पास पहले फायल नही आई थी इसलिए लेट हो गए। आपको क्या अटैच कर रखा है गुना में, नही-नहीं हम तो वैसे ही काम करते रहते हैं। आप बीएलओ भी हैं, आप दोनों ही जिम्मेदारियों का पालन ठीक से नही कर रहे। इसलिए आपको एसडीएम और डीईओ ने भी नोटिस दिया है। आप और आपके बाबू बमोरी जाते हैं क्या तो उन्होंने कहा कि नही हम तो गुना में ही काम करते रहते हैं।
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