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- मंगलवार दोपहर बोलवेल में गिरी थी बच्ची। राड की हुक में फंसाकर बोरवेल से बच्ची को निकालने की कोशिश भी नाकाम।
सीहोर । बोरवेल में फंसी सृष्टि को निकालने के लिए तीसरे दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी है। बुधवार को एनडीईआरएफ व एसडीईआरएफ के प्रयास विफल होने के बाद बैरागढ़ ईएमई सेंटर से सेना के जवानों को बुलाया गया था। आर्मी जवान 300 फीट गहरे बोरवेल में 100 फीट की दूरी पर फंसी सृष्टि को राड हुक से 90 फीट तक ऊपर ले आए थे, लेकिन दस फीट पहले वह छूटकर गिर गई। बताया जा रहा है कि बच्ची फिसलकर करीब 150 फीट नीचे पहुंच गई है। इसके बाद सेना ने दूसरी बार प्रयास करने में अक्षमता जताई। इसके बाद दिल्ली व जोधपुर से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है। वही गुजरात की स्पेशल रोबोट टीम से भी मदद मांगी गई थी जो सुबह 9 बजे मुंगावली पहुंची, यहां पहुंचते ही टीम ने बोरवेल से सृष्टि को निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ पोकलेन और राख ड्रिल मशीन से सुबह 9 बजे तक 42 फीट बोर के समानांतर गड्ढा खोदा जा चुका है। जिला प्रशासन सहित एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर रेस्क्यू में जुटी हुई है। बता दें कि ग्राम मुंगावली निवासी ढाई साल की मासूम नन्ही सृष्टि पिता राहुल कुशवाह छह जून को दोपहर बोरवेल में गिर गई। बच्ची के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने रेस्क्यू आपरेशन शुरू कर दिया। बुधवार को दूसरे दिन भी एसडीआरएफ और एनडीईआरएफ की टीम सृष्टि को निकालने की कार्रवाई करती रही। सृष्टि बोरवेल में लगभग करीब 100 फीट की गहराई में थी, जिसके बाद जिला प्रशासन सेना को बुलाया, जो सुबह 11 बजे मौके पर पहुंची और मोर्चा संभाला। दोपहर 2 बजे के बाद बोरवेल में राड में हुक से निकालने के लिए रेस्क्यू किया, जिसके बाद सृष्टि हुक में फसकर 90 फीट तक ऊपर आकर फिसल गई और करीब 150 फीट नीचे जाकर फंस गई, जिसके बाद सेना ने दूसरी बार प्रयास नहीं किया। इधर, जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी और होमगार्ड कमांडेंट कुलदीप मलिक ने बताया कि बच्ची करीब 150 फीट नीचे खिसक गई है। बोरवेल से उसे निकालने के लिए दिल्ली और जोधपुर, गुजरात से विशेषज्ञों को बुलाया गया था। विशेषज्ञों की इस टीम ने बोरवेल में गिरे कई बच्चों को निकाला है।
दो फीट खोदने में लग रहे चार घंटे
बोरवेल के समानांतर पिछले मंगलवार से लगातार खुदाई कराने वाले आकाश का कहना है कि जहां पहले बच्ची 20 से 25 फीट पर नजर आ रही थी, वह सुबह खिसककर 50 व उसके बाद 100 फीट से अधिक गहराई में जा चुकी थी। इसका प्रमुख कारण यह है कि यहां 12 फीट के बाद मजबूत पत्थर आना शुरू हो गया था, जिसको लगातार हाइड्रोलिक ब्रेकन, राक ड्रिल मशीन, पोकलेन मशीन के पत्थर तोड़ने से हुए कंपन के कारण बच्ची और नीचे खिसक रही है। अब स्थिति यह है कि दो फीट खोदने में तीन से चार घंट का समय लग रहा है। गुरुवार सुबह 09 बजे तक करीब 42 फीट गड्ढा खोदा जा चुका था और लगातार खोदाई जारी है।
घटनास्थल पर पहुंचीं भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
सीहोर जिले के ग्राम मुंगावली की रहने वाली ढाई साल की मासूम नन्ही सृष्टि के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलने के बाद भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने घटनास्थल पर पहुंचकर जिला प्रशासन द्वारा नन्हीं सृष्टि को बोरवेल से निकालने के लिए किए जा रहे कार्यों को देखा और आवश्यक दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने सृष्टि के माता-पिता तथा अन्य परिवारजनों को संबल प्रदान करते हुए कहा कि इन मुश्किल परिस्थितियों में हम सब आपके साथ है। सृष्टि को शीघ्र ही बाहर निकाल लिया जाएगा।
पिता की नजरें बोरवेल पर, तो मां का रो-रोकर बुरा हाल
मासूम सृष्टि के बोर में गिरने के बाद से मां रानी कुशवाह के आंसू नहीं थम रहे हैं, लोग उन्हें बेटी के सकुशल होने व जल्द बोरवेल से निकलने की बात कर रही है, तो मां रोते हुए घर से बार-बार निकलकर बोरवेल की तरफ देखकर फिर वापस लौट जाती हैं और दो माह की छोटी बेटी राधिका को संभालने लगती है, वहीं पिता राहुल कुशवाह भी घटना स्थल पर टकटकी लगाए हुए है। रेस्क्यू के दौरान एक-एक गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही सृष्टि के बोरवेल से निकलने का इंतजार कर रहे हैं।
पिपलेश्वर महादेव मंदिर समिति ने की प्रार्थना
शहर के बड़ा बाजार स्थित पिपलेश्वर महादेव मंदिर समिति के तत्वाधान में प्रतिभा सम्मान का आयोजन किया जाना था, इस मौके पर अपनी प्रतिभा के बल पर शहर का नाम रोशन करने वाले विद्यार्थी और खिलाड़ी का सम्मान पूरे उत्साह के साथ किया जाता, लेकिन जब यहां पर समिति के लोगों को पता चला कि जिला मुख्यालय के समीपस्थ एक ग्राम मुंगावली में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी ढाई साल की सृष्टि को बाहर निकालने की जद्दोजहद जारी है, तो उत्साह का कार्यक्रम प्रार्थना सभा में तब्दील हो गया। इस मौके पर सभी समिति के सदस्यों ने सृष्टि को बोरवेल से सकुशल बाहर आने की कामना को लेकर हनुमान चालीसा का पाठ, गायत्री मंत्र के जाप के अलावा भगवान शिव के मंत्रों का उच्चारण करते हुए आधा घंटे तक प्रार्थना की।