मुख्यमंत्री निवास पर बुधवार को नव नियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान और अन्य अतिथियों ने शुभारंभ किया। मध्यप्रदेश गान के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न जिलों में पदस्थ किए गए कुछ शिक्षकों को प्रतीक स्वरूप नियुक्ति बधाई पत्र सौंपे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम के लिए भेजे गए अपने वीडियो संदेश में कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय मूल्यों के संवर्धन पर जोर देती है। मप्र में व्यापक तौर पर शिक्षकों की भर्ती की गई है। इस साल 22 हजार शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। इनकी नियुक्ति से सर्वाधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को मिलेगा। मप्र सरकार ने इस वर्ष एक लाख से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती का लक्ष्य रखा है, जो प्रसन्नता का विषय है। इस साल के अंत तक 60 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का लक्ष्य है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि मध्यप्रदेश शिक्षा सर्वे में देश में 17 वें स्थान से छलांग लगा कर 5 वें स्थान पर आ गया है। शिक्षा की गुणवत्ता की दृष्टि से मध्यप्रदेश की यह बड़ी उपलब्धि है। मध्यप्रदेश ने बिना शोर मचाए यह उपलब्धि हासिल की। आपकी शिक्षा देश का वर्तमान ही नहीं भविष्य भी संवारे। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में शिक्षकों के अहम योगदान का उल्लेख करते हुए शिक्षकों से आह्वान किया कि वे भले शिक्षा दें पर अपने अंदर के विद्यार्थी को न मरने दें।
कई क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर :
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत काल में देश में बड़े लक्ष्यों और नए संकल्पों को सामने रख कर कार्य किया जा रहा है। आज हर क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर बनाए जा रहे हैं। सरकार ने नीतिगत स्तर पर जो परिवर्तन किए हैं उसने भारत के स्टार्टअप के क्षेत्र में भी रोजगार के अनेक अवसर बनाए हैं। रोजगार और स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार का कौशल विकास पर भी विशेष जोर है। इस वर्ष के बजट में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया है। इनमें युवाओं को न्यू एज टेक्नालॉजी द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी।
यह हुए शामिल :
इस अवसर पर कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल और स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार वर्चुअल जुड़े। जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह ने प्रारंभिक संबोधन दिया। कार्यक्रम में योग आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा, पाठ्य-पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र बरूआ, महर्षि पतंजलि संस्थान के अध्यक्ष भरत दास बैरागी सहित अन्य भी शामिल हुए।