- केंद्र सरकार से मांगी चमकविहीन गेहूं खरीदने की अनुमति
- मौसम की मार से दो दर्जन जिलों में गुणवत्ता हुई प्रभावित

स्वदेश ब्यूरो, भोपाल
कोरोना संक्रमण के बीच प्रदेश में रबी फसलों की उपार्जन प्रक्रि या गुुरुवार से शुरू हुई। उपार्जन का कार्य सप्ताह में पांच दिन होगा जबकि शेष दो दिन में खरीदी गई उपज के भुगतान व इसका हिसाब इत्यादि अद्यतन किया जाएगा। यह व्यवस्था, किसानों को उनकी उपज का भुगतान तत्काल दिलाए जाने के इरादे से की गई है। इधर, मौसम की मार के कारण करीब दो दर्जन जिलों में चमकविहीन हुए गेहूं की खरीद को लेकर संशय बना हुआ है। राज्य सरकार ने इसकी खरीद की अनुमति केंद्र से मांगी है।
प्रदेश में आज से गेहूं के साथ ही चना, मसूर व सरसों की खरीद प्रक्रिया भी शुरू की गई। इसके लिए प्रदेशभर में साढ़े चार हजार से अधिक खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। इन पर कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए खरीदी की जा रही है। खरीदी केंद्र पर एक बार में बीस से अधिक किसानों की मौजूदगी पर रोक लगाई गई है। एक बार में केवल दस किसानों को ही एसएमएस संदेश देकर उपज बिक्री के लिए बुलाया जा रहा है। बेची गई फसल के भुगतान पाने में किसी भी प्रकार का विलंब न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए खरीदी सप्ताह में केवल सोमवार से शुक्रवार तक होगी, जबकि शेष दो दिन यानी शनिवार व रविवार को खरीदी गई उपज का हिसाब-किताब,परिवहन व भंडारण व्यवस्था के लिए नियत किए गए हैं।
135 लाख टन गेहूं खरीदी की तैयारी
गर्मी को देखते हुए उपार्जन केंद्रों में किसानों के बैठने के लिए छांव और पानी का इंतजाम रखने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,975 रुपये प्रति क्विंटल है। इस पर ही गेहूं की खरीद शुरू की गई है। इसके लिए 24 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है। प्रदेश में पिछले साल अच्छी बारिश हुई और गेहूं का रकबा 98 लाख हेक्टेयर हो गया। अनुकूल मौसम के चलते बंपर पैदावार होने का अनुमान कृषि विभाग ने लगाया। इसी आधार पर खाद्य विभाग ने समर्थन मूल्य पर 135 लाख टन खरीदी की तैयारी शुरू की।
सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की सुविधा
किसानों को फ सल बेचने से लेकर भुगतान तक में कोई समस्या न हो, इसका इंतजाम सरकार ने किया। इसके बाद भी यदि कोई समस्या आती है तो उस संबंध में किसान टोल फ्री सीएम हेल्प लाइन नंबर 181 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। वहीं, उपार्जन के काम से जुड़ी समस्या के समाधान के लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसका नंबर 0755-2551471 है।
चमकविहीन गेहूं खरीदी को लेकर मांगी अनुमति
गत दिनों आंधी, पानी व ओलों के कारण करीब दो दर्जन से अधिक जिलों में गेहूं की खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसके चलते गेहूं की चमक प्रभावित हुई। समय पूर्व तापमान बढऩे से भी कुछ जगह अनाज क ी पकाव प्रक्रिया पर असर पड़ा है। ऐसे अनाज की खरीदी को लेकर उपार्जन केंद्रों पर संशय की स्थिति बनी हुई है। दरअसल, केंद्र सरकार की गाइड लाइन अनुसार चमकविहीन अनाज को भारतीय खाद्य निगम स्वीकार नहीं करता। प्रदेश के बड़े हिस्से में गेहूं प्रभावित होने की स्थिति को देख शिवराज सरकार ने केंद्र सरकार से चमकविहीन गेहूं खरीद की अनुमति मांगी है। पिछले साल भी प्रदेश को इस तरह की विशेष अनुमति दी गई थी, जिसके बाद केंद्रीय पूल में गेहूं का उठाव हुआ था। यदि केंद्र सरकार अनुमति नहीं देती है तो किसानों को मजबूरी में औने-पौने दाम पर व्यापारियों को गेहूं बेचना होगा। हालांकि राज्य सरकार को पूरी उम्मीद है कि केंद्र से उक्ताशय की अनुमति जल्दी ही मिल जाएगी।
इन जिलों में प्रभावित हुआ गेहूं
विभागीय सूत्रों के अनुसार मौसम की मार के कारण करीब दो दर्जन जिलों में गेहूं की फसल को अधिक नुकसान पहुंचा है। बारिश में भीगने से अनाज की चमक प्रभावित हुई हैं। जिन जिलों में अधिक नुकसान पहुंचा उनमें इंदौर, धार, खरगोन, खंडवा, सिवनी, रीवा, टीकमगढ़, मंडला, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर, गुना, अशोकनगर, भिंड, शाजापुर, आगर मालवा, सागर, छिंदवाड़ा, भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर और विदिशा शामिल हैं।