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GMC जूडा के विरोध से झुका प्रशासन, 24 घंटे के अंदर निरस्त हुआ डॉ. अरुणा कुमार का आदेश

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के निर्देश पर निरस्त हुआ आदेश

भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज की स्त्री एवं प्रसूति विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. अरुणा कुमार को संचालनालय से हटाकर वापस गांधी मेडिकल कॉलेज में स्त्री एवं प्रसूति विभाग में पदस्थ करने संबंधी आदेश 24 घंटे के अंदर निरस्त कर दिया गया है। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा संचालनालय से जीएमसी में पदस्थापना संबंधी डॉ. अरुणा कुमार का गुरुवार दोपहर बाद जारी आदेश निरस्त कर दिया गया है। राजेंद्र शुक्ल ने विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जूनियर डॉक्टरों की मंशा के अनुरूप इनकी पदस्थापना नहीं है, इस कारण आदेश निरस्त किया जाए।

जानकारी के अनुसार गांधी मेडिकल कॉलेज से पीजी कर रही डॉ. बाला सरस्वती की आत्महत्या मामले में डॉ. अरुणा कुमार को दोषी माना जा रहा है। सरस्वती की आत्महत्या के समय डॉ. अरुणा कुमार जीएमसी में स्त्री एवं प्रसूति विभाग की विभागाध्यक्ष थीं। उन पर जूनियर डॉक्टरों ने मानसिक रूप से प्रताडि़त करने के सनसनीखेज आरोप लगाए थे। डॉक्टरों का आरोप था कि डॉ. अरुणा कुमार का व्यवहार जूडा के खिलाफ था। डॉ. कुमार के खिलाफ पहले भी कई जूनियर चिकित्सकों ने शिकायत की थी।

हड़ताल की चेतावनी दी थी जूडा ने

गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जूडा) ने गुरूवार को ही डॉ. अरुणा कुमार की जीएमसी में पदस्थापना होने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी थी। जूडा ने गुरुवार को आयुक्त चिकित्सा शिक्षा को सौंपे एक पत्र में लिखा था कि अगर डॉ. अरुणा कुमार को जीएमसी में पदस्थ किया जाता है तो जीएमसी का जूडा हड़ताल पर चला जाएगा। जूडा की हड़ताल संबंधी चेतावनी से सबक लेते हुए प्रशासन ने 24 घंटे के अंदर ही डॉ. अरुणा कुमार को जीएमसी में पदस्थापना संबंधी आदेश को निरस्त कर दिया है।

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