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विद्यालय में 12वीं के अव्वल बेटा-बेटियों को मिलेगी ई-स्कूटी : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

मध्यप्रदेश में इस साल 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक नंबर लाने वाले 78 हजार से अधिक मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिए जाएंगे। साथ ही हर हायर सेकेंडरी स्कूल में टॉपर बेटी के साथ ही अब बेटों को भी ई-स्कूटी दी जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी के रवींद्र भवन में मंगलवार को आयोजित प्रतिभा संवाद एवं सम्मान समारोह में यह घोषणा की। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा-2023 में चयनित प्रदेश के 53 युवाओं एवं कक्षा 10वीं-12वीं की प्रावीण्य सूची के मेधावी विद्यार्थियों से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल हम 12वीं के 78 हजार बच्चों को लैपटॉप देंगे। हायर सेकेंडरी में जो बेटी स्कूल टॉपर होगी, उसे ई-स्कूटी दी जाएगी। लेकिन, आज मैं सोच रहा हूं कि अब बेटों को भी दे डालूं। हम यह तय करते हैं कि हायर सेकेंडरी स्कूल के टॉपर छात्र को भी ई-स्कूटी दी जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिभावान विद्यार्थियों से मिलने के लिए मैं बड़ा उत्सुक था। मेरे लिए सबसे आनंद का पल का अगर कोई होता है तो वह अपने भांजे-भांजियों के बीच में रहना है।  मुख्यमंत्री ने माशिमं की दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त विद्यार्थियों एवं यू.पी.एस.सी. परीक्षा में चयनित प्रदेश के 53 युवाओं को सम्मानित किया। जिसके बाद सिविल सेवा परीक्षा में देश में 21वीं रैंक प्राप्त शिवम यादव, 26वीं रैंक लाने वाली गुंजिता अग्रवाल, 47वीं रैंक लाने वाली संस्कृति सोमानी ने अपने अनुभव साझा किए। 

मध्यप्रदेश में यह पहला मौका है जब संघ लोक सेवा आयोग में इतनी  बड़ी संख्या में राज्य के विद्य़ार्थियों ने सफलता हासिल की। इस वर्ष 53 विद्यार्थियों ने सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की है जबकि इसके पूर्व वर्षों में क्रमशः 39 व 38 अभ्यर्थी सफल हुए थे। मुख्यमंत्री ने इस कामयाबी पर प्रसन्नता व्यक्त की और इसे जारी रखने की कामना व्यक्त की।

सफलता किसी चीज की मोहताज नहीं :

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सफलता किसी चीज की मोहताज नहीं होती है। कोई यह न समझे कि मैं क्या करूं, मैं तो गांव में पैदा हुआ हूं, गरीब घर में पैदा हुआ हूं। प्रतिभा गांव-शहर, अमीरी-गरीबी नहीं देखती है। आज दिव्यांग बच्चे चमत्कार कर रहे हैं। अगर लक्ष्य निर्धारित है, प्राप्त करने का संकल्प है और संकल्प पूरा करने का रोडमैप हो और उस रोडमैप को पूरा करने के लिए घनघोर परिश्रम करें, तो कोई भी सफलता की नई ऊचाईयां छू सकता है। यह हमारे प्रदेश के बच्चों ने करके दिखाया है।

मैं तुम्हे वचन देता हूं कोई बाधा नहीं रहने दूंगा :

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि वैसे तो अनेकों योजनाएं है, आज मैं योजनाएं गिनाने के लिए नहीं आया हूं, लेकिन मैं तुम्हे वचन देता हूं कि तुम अगर परिश्रम करोगे तो तुम्हारे भविष्य में जो सफलताएं हैं, उनमें कोई बाधा नहीं रहने दूंगा। प्रयास आपको करना पड़ेगा, साथ हम देंगे। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा, आज मुझे वचन दो कि यहां तक तो पहुंचे हंै, आगे बढऩे के लिए भी हम घनघोर परिश्रम करेंगे, अपने जीवन को अर्थपूर्ण बनाएंगे। हम एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जिएंगे, बेहतर और बड़े काम करेंगे, साधारण जीवन नहीं जिएंगे।

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