ढाका। बांग्लादेश में हिफाजत-ए-इस्लाम के आतंकियों का उपद्रव बढ़ गया है। इन आतंकियों ने रविवार को बांग्लादेश के ब्राह्मणबाड़िया जिले में सेंट्रल पब्लिक लाइब्रेरी में आग लगा दी। यह सार्वजनिक पुस्तकालय मशहूर भारतीय सरोद वादक अल्लाउद्दीन खान की जन्मस्थली है। यह घटना राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान अंजाम दी गई। हिफाजत-ए-इस्लाम द्वारा बुलाई गई हड़ताल बांग्लादेश के कई जिलों में चल रही है।
हड़ताल का असर ढाका, नोरसिंगडी, नारायणगंज, ब्राह्मणबाड़िया, चटगांव, सिलहट, राजशाही और अन्य जिलों में देखा जा रहा है। हड़ताल के चलते लंबी रूट की बसें सड़कों पर नहीं चल रही हैं। हालांकि रिक्शा और ऑटो-रिक्शा की आवाजाही सामान्य है। हड़ताल के दौरान सिलहट में जमात-ए-इस्लाम के कार्यकर्ताओं ने कोर्ट पॉइंट समेत शहर के विभिन्न हिस्सों में जुलूस निकाले। नारायणगंज मदनीनगर मदरसा के छात्रों ने ढाका-चटगांव राजमार्ग पर टायर जलाया।
आतंकियों ने रविवार को शहर के अमचट्टार इलाके में राजशाही ट्रक टर्मिनल पर बांग्लादेश रोड ट्रांसपोर्ट एंड कॉर्पोरेशन यानी बीआरटीसी की दो बसों में आग लगा दी। दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग को बुझाया। हालांकि इसमें अब तक किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मालूम हो कि हिफाजत-ए-इस्लाम ने शुक्रवार रात को ढाका में एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के विरोध में शुक्रवार को दोपहर की नमाज के बाद जब पुलिस ने लोगों को जुलूस निकालने से रोका तो झड़पें हुईं। शुक्रवार को चटगांव के हत्जारी में हिफाजत समर्थकों और पुलिस में हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई जबकि कम से कम 50 अन्य घायल हो गए।