- भारत ने कनिष्क बम ब्लास्ट की 39वीं बरसी पर कहा कि आतंकवाद की कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल नहीं होती।
ओटावा । भारतीय उच्चायोग ने ओटावा में रविवार को 1985 के कनिष्क बम ब्लास्ट की 39वीं बरसी मनाई। इस दौरान भारत ने कनाडा में आतंकवाद का महिमामंडन करने वाले कृत्यों की कड़ी निंदा की है। भारत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कनाडा में कई मौकों पर नियमित रूप से ऐसे कृत्यों की अनुमति दी जाती है। भारत ने सभी शांति प्रिय देशों और उसके लोगों से इसकी निंदा करने को कहा।
ओटावा में भारतीय उच्चायोग और टोरंटो तथा वैंकूवर में भारत के वाणिज्य दूतावासों ने 1985 में आतंकवादी घटनाओं में मारे गए लोगों की याद में रविवार को इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। भारतीय उच्चायोग ने कनिष्क बम ब्लास्ट की 39वीं बरसी पर दिये अपने बयान में कहा कि आतंकवाद की कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल नहीं होती।
मरने वालों में ज्यादातर भारतीय मूल के कनाडाई थे
मॉन्ट्रियल-नई दिल्ली एअर इंडिया कनिष्क उड़ान संख्या-182 में 23 जून 1985 को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने से 45 मिनट पहले विस्फोट हो गया था, जिससे विमान में सवार 86 बच्चों समेत सभी 329 लोग मारे गए थे। मरने वालों में से ज्यादातर भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे। माना जाता है कि साल 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के जवाब में सिख आतंकवादियों ने कनिष्क बम विस्फोट को अंजाम दिया था।
कनाडा की धरती पर पल रहे खालिस्तान समर्थक
इस मौके पर भारतीय उच्चायोग ने कहा कि इस कायरतापूर्ण कृत्य को 39 साल पूरे हो गए हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से आतंकवाद ने आज अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए खतरे का रूप धारण कर लिया है। इसमें कहा गया, ‘‘1985 में एआई-182 में बम विस्फोट समेत आतंकवाद का महिमामंडन करने वाला कोई भी कृत्य निंदनीय है और सभी शांति प्रिय देशों तथा लोगों को इसकी निंदा करनी चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कनाडा में कई मौकों पर आए दिन ऐसे कृत्यों को अनुमति दी जाती है।”
निज्जर की याद में कनाडा संसद में रखा गया था मौन
पिछले सप्ताह, खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की याद में कनाडा की संसद द्वारा एक मिनट का मौन रखे जाने की भी भारत ने आलोचना की थी। निज्जर की गत वर्ष जून में ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारत ने यह भी कहा था कि कनाडाई प्राधिकारियों को हिंसा की वकालत करने वालों और कनाडा में भारत विरोधी अभियान चलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। भारत ने बीते गुरुवार को वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा तथाकथित “नागरिक अदालत” आयोजित करने और भारतीय प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने पर कनाडा के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया था।