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सुनक की पार्टी को भारी नुकसान, उपचुनाव में तीन में से सिर्फ एक पर मिली जीत

  • पिछले महीने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पार्टीगेट कांड पर संसदीय समिति की जांच रिपोर्ट आने के बाद संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
    लंदन,
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के लिए शुक्रवार का दिन अच्छा साबित नहीं हुआ। दरअसल, सुनक को उपचुनाव की दो सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, जबकि एक सीट बचाने में कामयाब रहे। इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपनी कैबिनेट में फेरबदल कर सकते हैं। पिछले महीने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पार्टीगेट कांड पर संसदीय समिति की जांच रिपोर्ट आने के बाद संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, उनके सहयोगी निगेल एडम्स ने भी इस्तीफा दे दिया था, जिसकी वजह से लंदन में उनकी सीट खाली हो गई थी। बस यही सीट सुनक के लिए एकमात्र अच्छी खबर बनी। सत्ताधारी कंजर्वेटिव ने इस सीट पर कब्जा कर लिया। गुरुवार को तीन सीटों पर हुए उपचुनाव को सुनक के रिपोर्ट कार्ड की तरह पेश किया गया था। कहा जा रहा है कि अगले साल होने वाले आम चुनाव में इस उपचुनाव से सुनक की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
    यहां मिली जीत
    कंजर्वेटिव पार्टी (टोरीज) के स्टीव टकवेल ने उक्सब्रिज और साउथ रुइस्लिप पर जीत हासिल कर ली। मात्र 495 वोटों से जीत हासिल की है। लंदन में हुई सुनक की एकमात्र जीत का श्रेय काफी हद तक लेबर मेयर सादिक खान के खिलाफ लोगों के गुस्से को दिया जा रहा है। बता दें, ब्रिटेन की राजधानी के बाहरी क्षेत्रों में अल्ट्रा लो एमिशन जोन (यूएलईजेड) का विस्तार करने की योजना पर खान के खिलाफ लोगों में रोष है।
    पहली हार इस सीट पर
    विपक्षी लेबर पार्टी ने 20 हजार से अधिक बहुमत पाकर उत्तरी इंग्लैंड में सेल्बी और आइंस्टी निर्वाचन क्षेत्र पर जीत हासिल कर ली है। लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक परिणाम है जो दिखाता है कि लोग हम में विश्वास दिखा रहे हैं। वह एक बदली हुई पार्टी देख रहे हैं जो पूरी तरह से एक महत्वाकांक्षी, व्यावहारिक योजना के साथ कामकाजी लोगों की प्राथमिकताओं पर केंद्रित है। ‘सदन की बेबी’ कही जाने वालीं भारतीय मूल की लेबर सांसद नादिया व्हिटोम को पछाड़कर 25 वर्षीय कीर माथेर संसद के सबसे कम उम्र के सदस्य बन गए हैं।
    दूसरी करारी हार यहां मिली
    वहीं, सुनक की पार्टी को दूसरी करारी हार लिबरल डेमोक्रेट्स ने दी। दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में समरसेट और फ्रोम उपचुनावों में लिबरल डेमोक्रेट्स ने जीत हासिल की। किसान पृष्ठभूमि वाली समरसेट पार्षद सारा डाइक ने 21,187 वोटों से जीत हासिल की, जबकि कंजर्वेटिव के फेय पुरब्रिक को मात्र 10,179 वोटों से संतुष्ट करना पड़ा। बता दें, नशीली दवाओं के सेवन और यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद पूर्व सांसद डेविड वारबर्टन के इस्तीफे के कारण उपचुनाव शुरू हुआ था।
    कंजर्वेटिव सरकार से तंग हो चुके लोग
    लिबरल डेमोक्रेट्स के नेता सर एड डेवी, जिन्होंने समरसेट में प्रचार करने के लिए जी जान लगा दी थी, ने अपनी पार्टी की जीत की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि उनकी पार्टी क्षेत्र में वापसी करने की राह पर है। देश ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव सरकार से तंग आ चुका है।

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