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- म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में निर्वाचित प्रतिनिधियों का तख्ता पलट कर देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
- देश में गृह युद्ध जैसी हालत है। इस दौरान सैनिक शासन की कोशिश चीनी हितों को गृह युद्ध के असर से बचाए रखने की रही है…
यंगून, म्यांमार में चल रहे गृह युद्ध के बीच सेना ने चीनी ठिकानों को बचाने की कोशिश में अपने नागरिकों की जान के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। म्यांमार के सैनिक शासकों को चीन का समर्थन हासिल रहा है। इसलिए सैनिक शासन की प्राथमिकता चीनी कंपनियों के कार्य-स्थलों को हर हाल में सुरक्षित बनाना है। ताजा खबरों के मुताबिक ताबें की एक खदान के आसपास बिछाई गई बारूदी सुरंगों के कारण अनगिनत आम लोग हताहत हुए हैं। इस खदान में खुदाई का ठेका एक चीनी कंपनी को मिला हुआ है। म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में निर्वाचित प्रतिनिधियों का तख्ता पलट कर देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था। उसके बाद से देश में गृह युद्ध जैसी हालत है। इस दौरान सैनिक शासन की कोशिश चीनी हितों को गृह युद्ध के असर से बचाए रखने की रही है। इनमें लातपादाउंग तांबा खदान भी शामिल है। गृह युद्ध के दौर में बारूदी सुरंगों का इस्तेमाल बढ़ गया है। इनकी चपेट में आकर जान गंवाने वाले लोगों की संख्या हाल के महीनों में काफी बढ़ी है। म्यांमार की स्थिति पर नजर रखने वाले अमेरिकी थिंक टैंक यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में म्यांमार के कंट्री डायरेक्टर जेसन टॉवर के मुताबिक बारूदी सुरंगों का इस्तेमाल सेना ने चीनी संपत्तियों को बचाने के मकसद से शुरू किया था। लातपादाउंग खदान के चारों तरफ इन सुरंगों को बिछा दिया गया, ताकि खदान को विद्रोहियों के हमले से बचाया जा सके। म्यांमार के सैनिक शासन के खिलाफ विद्रोह में शामिल 16 हथियारबंद गुटों ने मिल कर पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) का गठन किया है। पीडीएफ ने कई जगहों पर सेना और उससे जुड़े ठिकानों पर घातक हमले किए हैं। सैनिक शासन को चीन के समर्थन के कारण चीनी कंपनियां भी पीडीएफ के निशाने पर बताई जाती हैं। लातपादाउंग खदान में चीन की कंपनी वानबाओ माइनिंग की सहायक कंपनी खुदाई कर रही है। वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम ने इस खदान के बारूदी सुरंगों से घेरने की खबर पर वानबाओ माइनिंग की टिप्पणी लेने की कोशिश की। लेकिन कंपनी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लातपादाउंग खदान के चारों ओर बारूदी सुरंगों के बिछाए जाने की खबर सबसे पहले पिछले साल अगस्त में आई थी। वैसे उसके पहले भी यह खदान विवादों से घिरा रही है। तांबे की खुदाई के कारण उस इलाके में फैले जहरीले पदार्थों के कारण स्थानीय निवासी कई साल से इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। बताया जाता है कि खुदाई के साथ निकले जहरीले पदार्थों के कारण इलाके में जमीन के नीचे का पानी प्रदूषित हो गया है। अब गृह युद्ध फैलने के साथ म्यांमार में काम कर रही कई दूसरी चीनी कंपनियों की सुरक्षा के लिए सेना की तरफ से उठाए गए कदमों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि शान राज्य में चीन-म्यांमार गैस पाइपलाइन की रक्षा के लिए भी सैन्य शासन ने बारूदी सुरंगे बिछाई हैं। लैंडमाइन मोनिटर नाम की एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना के तहत हो रहे निर्माण से जुड़े स्थलों की सुरक्षा के लिए भी यही तरीका अपनाया गया है।