शरीर के स्वस्थ रहने के लिए ब्लड शुगर लेवल का सामान्य बने रहना बहुत आवश्यक है। इसका बढ़ना या घटना, दोनों ही स्थितियां हानिकारक होती हैं इसलिए डॉक्टर्स ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने की सलाह देते हैं।
शरीर के स्वस्थ रहने के लिए ब्लड शुगर लेवल का सामान्य बने रहना बहुत आवश्यक है। इसका बढ़ना या घटना, दोनों ही स्थितियां हानिकारक होती हैं। एक तरफ जहां ब्लड शुगर का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के लिए काफी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है तो वहीं, इसका कम हो जाना भी काफी खतरनाक है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने वाले उपाय करते रहने की सलाह देते हैं। शुगर लेवल बढ़ने को हाइपरग्लाइसीमिया जबकि इसके कम होने की स्थिति को हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है।
दिखें ऐसे लक्षण तो हो जाएं सावधान
आमतौर पर यह दिक्कत उन लोगों को ज्यादा होती है जो शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने के लिए दवाइयां ले रहे होते हैं। हाइपोग्लाइसीमिया एक गंभीर स्थिति है। समय पर इसका पता ना चल पाने के कारण रोगी कोमा में भी जा सकता है इसलिए डायबिटीज रोगियों को नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करने की सलाह दी जाती है। दरअसल, लोगों को यह पता ही नहीं चल पाता है कि उनके ब्लड शुगर का स्तर गिर रहा है। ऐसे में डायबिटीज रोगी और उनके परिवारजनों को इन लक्षणों के बारे में सचेत रहना चाहिए। यदि मधुमेह रोगी में अचानक ऐसे लक्षण दिखें तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
- चिंता या घबराहट
- अचानक से बहुत अधिक पसीना आना
- त्वचा का पीला पड़ जाना
- दिल की धड़कन का अनियमित या तेज हो जाना।
- चक्कर आना और दांत बैठने लगना।
- धुंधला दिखाई देना।
लक्षण दिखने के तुरंत बाद क्या करें?
किसी भी व्यक्ति में हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण दिखते ही उसे तुरंत कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजें देनी चाहिए और साथ ही शुगर लेवल की भी जांच करें। यदि यह 70 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर की मात्रा से कम है तो रोगी को तुरंत 15-20 ग्राम फास्ट-एक्टिंग कार्बोहाइड्रेट दें। ग्लूकोज की गोलियां या जेली, फलों का रस, शहद या मिश्री देने से शुगर बढ़ सकता है। ध्यान रहे कि कार्बोहाइड्रेट की मात्रा नियंत्रित होनी चाहिए क्योंकि इसकी मात्रा बढ़ जाने से शुगर का स्तर अचानक से बहुत अधिक हो सकता है, जो अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इस प्रारंभिक उपचार के उपायों के साथ तुरंत रोगी को डॉक्टर के पास ले जाएं।