- भारत में तम्बाकू का सेवन जनसंख्या का 28.6 प्रतिशत होने का अनुमान है।
- विशेषज्ञ का कहना है कि फेफड़े का कैंसर मुख्य रूप से धूम्रपान के कारण होता है।
हमारे शरीर का श्वसन तंत्र, जो इसके सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। जिसमें ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के आदान-प्रदान का प्रभारी है। इसमें कई प्रकार की बीमारियाँ होती हैं, जिनका इसके कार्य करने की क्षमता पर प्रभाव पड़ सकता है। स्वस्थ रोगी की देखभाल कई विशिष्ट श्वसन रोगों की उत्पत्ति, संकेत और उपचार को जानने पर निर्भर करती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 2020 के आंकड़ों के अनुसार, फेफड़ों का कैंसर दुनिया भर में कैंसर से संबंधित मौत का एक महत्वपूर्ण कारण है। अगर हम भारत की बात करें तो कुल कैंसर के मामलों में फेफड़ों का कैंसर 6 प्रतिशत योगदान देता है। पुरुषों में, फेफड़े का कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर है और भारत में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़ों का कैंसर 8.1 प्रतिशत योगदान देता है।
लगभग 28.6 प्रतिशत भारतीय जनसंख्या तम्बाकू उत्पादों का उपयोग करती है। फेफड़ों के कैंसर का सबसे आम कारण धूम्रपान है। भारत में ही फेफड़ों के कैंसर के लगभग 80 प्रतिशत मरीज धूम्रपान करने वाले होते हैं। फेफड़ों के कैंसर का एकमात्र कारण धूम्रपान नहीं है। हमारे देश में फेफड़ों के कैंसर के लगभग 25-30 प्रतिशत मरीज़ कभी धूम्रपान नहीं करते हैं। फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित लगभग 15 प्रतिशत पुरुष और 53 प्रतिशत महिलाएं कभी धूम्रपान नहीं करतीं