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एक विशेष अभियान के माध्यम से ल्यूमिनस महिलाओं के लिए एनर्जी सेक्टर में क्राँति ला रहा है

  • ल्यूमिनस ने एक विशेष फिल्म निर्मित की है, जो एनर्जी सेक्टर से जुड़ने के लिए अधिक से अधिक महिलाओं को प्रोत्साहित करती है और इंडस्ट्री में महिलाओं द्वारा निभाई जा सकने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है
    एनर्जी सेक्टर में महिला प्रतिनिधित्व की कमी दुनिया भर में विचारणीय मुद्दा है, जिससे भारत भी अछूता नहीं है। भारत में एनर्जी सेक्टर के तहत महिलाएँ विभिन्न चुनौतियों का सामना करती आ रही हैं, जिनमें सांस्कृतिक पक्षपात, सीमित अवसर व प्रशिक्षण और शिक्षा तक अपर्याप्त पहुँच शामिल है। इस मुद्दे को संबोधित करने और एनर्जी इंडस्ट्री में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य के तहत भारत के सबसे भरोसेमंद पॉवर सॉल्यूशन ब्रांड, ल्यूमिनस ने एक नए अभियान #WomenInEnergy की नींव रखी है, जिसकी शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर की गई। इस अभियान का उद्देश्य एनर्जी सेक्टर में शामिल होने के लिए अधिक से अधिक महिलाओं को प्रोत्साहित करना और इंडस्ट्री में महिलाओं द्वारा निभाई जा सकने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालना है। अभियान के केंद्र बिंदु को ध्यान में रखते हुए एक डिजिटल फिल्म निर्मित की गई है, जो भारत की पहली लाइनवुमन बाबरी सिरिशा की प्रेरक कहानी बयां करती है। बाबरी सिरिशा वह महिला है, जिसने एनर्जी सेक्टर में अपनी पहचान बनाने के लिए तमाम बाधाओं को दरकिनार कर दिया। फिल्म में एक शक्तिशाली संदेश भी शामिल है कि एनर्जी इंडस्ट्री में सफलता पाने के लिए महिलाओं के पास समान अवसर हैं। इसके अतिरिक्त, ल्यूमिनस द्वारा महिला, एनर्जी और नए भारत पर पैनल डिस्कशन्स होस्ट किए जा रहे हैं, जिसमें एनर्जी सेक्टर में प्रतिष्ठित लीडर्स शामिल हैं। इसके चलते यह अपने नवीन ऊर्जा समाधानों के माध्यम से देश भर में महिला आंत्रप्रेन्योर्स का समर्थन करने की पहल कर रहा है। नीलिमा बुर्रा, चीफ स्ट्रेटेजी, ट्रांसफॉर्मेशन और मार्केटिंग ऑफिसर, ल्यूमिनस, ने कहा, “विभिन्न अध्ययन दर्शाते हैं कि जेंडर के प्रति दृष्टिकोण बहुत कम उम्र में ही बनने लगता है। अपने माता-पिता, परिवार के सदस्यों, शिक्षकों और देखभाल करने वालों को देखते हुए बच्चे लैंगिक भूमिकाओं, मानदंडों, भेदभाव और रूढ़िवादी व्यवहार को अपनाने लगते हैं और यह लम्बे समय से चला आ रहा है। लैंगिक भेदभाव अक्सर असमानताओं के स्थायीकरण के कारण होता है। इस इंडस्ट्री में लीडर होने के नाते, मेरा मानना ​​है कि सफलता पाने हेतु महिलाओं के लिए समान अवसर उत्पन्न करना समय की माँग है। इस अभियान के माध्यम से, हम उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, जो एनर्जी सेक्टर के लिए उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।” ग्रे ग्रुप इंडिया एजेंसी ने इस अभियान को विकसित किया है। अभियान पर अपने विचार रखते हुए अनुषा शेट्टी, चेयरपर्सन और सीईओ, ग्रे ग्रुप इंडिया, ने कहा, “एनर्जी सेक्टर बेशक महत्वपूर्ण इंडस्ट्री है, लेकिन परंपरागत रूप से यह पुरुष प्रधान रही है। अब इन रूढ़ियों को तोड़ने और अधिक से अधिक महिलाओं को इस क्षेत्र में कार्यभार संभालने के लिए सशक्त बनाने का समय आ गया है।

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