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आयुर्वेद में जामुन की गुठली को बताया है बेमिसाल, करती हैं कई बीमारियों का निवारण

  • एक रिसर्च के मुताबिक इसमें एंथोकेनिन होता है जो कैंसर और दिल की बीमारियों के साथ ही कई अन्य बीमारियों से बचाने में सहायक है।
    गर्मियां शुरू होते ही आपको बाजार में काले रंग के जामुन देखने को मिल जाएंगे। जामुन एक ऐसा फल है जिसे गर्मियों में खूब खाया और पसंद किया जाता है। इसके ऊपरी भाग को हम बड़े चाव से खाते हैं और बीज को फेंक देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जामुन की यह गुठली सेहत को बहुत फायदा पहुंचा सकती हैं। जी हां, आयुर्वेद में जामुन की गुठली को बेमिसाल बताया गया हैं जिसका पाउडर बनाकर सेवन किया जाता हैं। एक रिसर्च के मुताबिक इसमें एंथोकेनिन होता है जो कैंसर और दिल की बीमारियों के साथ ही कई अन्य बीमारियों से बचाने में सहायक है। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह जामुन की गुठली का पाउडर बनाया जाता हैं और इसके सेवन से सेहत को कौन-कौन से फायदे मिलते हैं। आइये जानें इसके बेहतरीन फायदे क्या है। /
    डायबिटीज को करें कंट्रोल
    जामुन की गुठली का सेवन करने से आप डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं। दरअसल, जामुन की गुठली में एंटी-डायबिटीज गुण मौजूद होता है। टाइप-2 डायबिटीज मरीजों के लिए इसकी गुठली से तैयार अर्क और पाउडर का सेवन करने से काफी फायदा हो सकता है। यह आपके शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मददगार हो सकता है। अगर आप डायबिटीज में होने वाली परेशानियों से दूर रहना चाहते हैं, तो जामुन की गुठली से तैयार पाउडर या फिर अर्क का सेवन कर सकते हैं।
    दांतों और मसूड़ों के लिए
    दांतों और मसूड़ों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी जामुन बीज के फायदे देखे जा सकते हैं। जामुन बीज में पाए जाने वाले कैल्शियम का सेवन करने से दांत मजबूत बने रहते हैं और इनका विकास सही से होता है। दांतों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बच्चों और व्यस्क दोनों को कैल्शियम की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, विटामिन-सी की कमी से मसूड़ों में सूजन और खून निकलने की समस्या का इलाज भी जामुन बीज में पाए जाने वाले विटामिन-सी के जरिए किया जा सकता है।
    पेट को रखें स्वंस्थ
    जामुन के बीज का उपयोग पेट से संबंधित कई समस्याओं को प्रभावी ढंग से ठीक करने के लिए किया जा सकता है। जामुन में फाइबर की काफी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र के कामकाज में सुधार करने में मदद करती है। आंतों में घावों, सूजन और अल्सर से निपटने के लिए जामुन के बीजों का उपयोग मौखिक दवा के रूप में भी किया जा सकता है।
    गैस्ट्रिक समस्या के लिए
    अगर आप गैस्ट्रिक समस्या से परेशान हैं, तो जामुन बीज का उपयोग आपको इस समस्या से भी राहत दिला सकता है। माना जाता है कि जामुन बीज से निकलने वाले अर्क का इस्तेमाल कर गैस की समस्या से राहत मिल सकती है। हालांकि, यह किस प्रकार इस समस्या को ठीक करने में मदद करता है, इस पर अभी पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।
    ब्लड प्रेशर करें कंट्रोल
    इस समय बहुत से लोग ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं। इसे कम करना लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। जामुन की गुठली के पाउडर को पानी के साथ खा सकते हैं जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
    शरीर में सूजन को करे कम
    जामुन की गुठली में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर में होने वाली सूजन और दर्द को दूर करने में मददगार हो सकते हैं। खासतौर पर अगर आपको अर्थराइटिस की समस्या है, तो आप जामुन की गुठली से तैयार पाउडर और अर्क का सेवन कर सकते हैं। इससे सूजन और दर्द से राहत मिल सकती है।
    कैंसर से बचाए
    जामुन की गुठली में पाए जाने वाले फाइटो केमिकल्स जैसे पॉलीफिनाल कैंसर से बचाने में लाभदायक होते हैं। इनमें एंथो साइनीन होता है जो कैंसर और दिल की बीमारियों से बचाने में लाभदायक है। जामुन की गुठली और जामुन स्वस्थ के लिए काफी फायदेमंद हैं।
    पीरियड्स की परेशानियों से दिलाए राहत
    जामुन की गुठली का सेवन करने से आप पीरियड्स में होने वाली परेशानियों जैसे – अनियमित ब्लड फ्लो और दर्द को दूर कर सकते हैं। दरअसल, इसकी गुठली में जिंक पाया जाता है, जो पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से आराम दिलाने में आपकी मदद कर सकता है।
    बलगम को दूर करने के लिए
    कभी-कभी आपको कफ/बलगम की समस्या से भी गुजरना पड़ता होगा। जामुन के बीज के फायदे कफ/बलगम को दूर करने में भी देखे जा सकते हैं। गले की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जामुन बीज पर जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जामुन के बीज से निकलने वाला अर्क कफ को दूर करने के काम आ सकता है। इस संबंध में भी अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।
    जामुन की गुठली का पाउडर कैसे बनाएं
    मधुमेह कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले जामुन खाने के बाद इसकी गुठलियों को फेंकने की जगह एक साफ बर्तन में जमा करते रहें।इसके बाद इन गुठलियों को अच्छी तरह धोने के बाद एक साफ कपड़े पर रखकर 3-4 दिन के लिए सूरज की रोशनी में सूखने के लिए छोड़ दें। एक बार जब सभी गुठलियां सूख जाएं तो उनकी ऊपरी परत यानी छिलका उतारकर अंदर वाले हरे भाग को दो हिस्सों में तोड़ लें। इसके बाद इसे भी कुछ दिन और सूखने के लिए छोड़ दें। जब बीज अच्छी तरह से सूख जाएं तो इन सूखे हुए बीजों को मिक्सी में पीसकर उसका पाउडर बना लें। अब ये पाउडर एक डिब्बे में रख लें।

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