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- लहसुन और प्याज को पचाना मुश्किल होता है।
- बरसात के मौसम में लहसुन और प्याज का सेवन करना या न करना एक व्यक्तिगत पसंद है।
यह विश्वास आयुर्वेद, प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली और समग्र उपचार से उपजा है, जो कुछ खाद्य गुणों को विशिष्ट मौसमों और शरीर पर उनके प्रभाव से जोड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार लहसुन और प्याज को राजसिक और तामसिक भोजन माना जाता है। माना जाता है कि राजसिक भोजन बेचैनी को बढ़ाता है, जबकि तामसिक भोजन सुस्ती को बढ़ावा देता है। ऐसा कहा जाता है कि ये गुण बरसात के मौसम में बढ़ जाते हैं जब ठंडे और नम मौसम के कारण शरीर की पाचन अग्नि कमजोर हो जाती है। इस समय के दौरान, आयुर्वेदिक सिद्धांत उन खाद्य पदार्थों से परहेज करने का सुझाव देते हैं जो पाचन को और अधिक प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि शरीर पाचन संबंधी समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकता है। माना जाता है कि लहसुन और प्याज को पचाना मुश्किल होता है और संभावित रूप से गैस्ट्रिक गड़बड़ी या शरीर में भारीपन का कारण बन सकता है। अंततः बरसात के मौसम में लहसुन और प्याज का सेवन करना या न करना एक व्यक्तिगत पसंद है।
प्याज और लहसुन
अगर आप रोजाना लहसुन-प्याज का सेवन करते है, तो खाने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। जिससे बार-बार बीमार पड़ने वाले व्यक्ति स्वस्थ बने रहते हैं। प्याज और लहसुन एंटी-एजिंग फूड है। इसके सेवन से बढ़ती उ्म्र की निशानियां जैसे झुर्रियां, डार्क स्पॉट्स और फाइन लाइंस को रोका जा सकता है।
लहसुन खाने के लाभ
लहसुन सर्दी और फ्लू वायरस को रोकने में मदद करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है । बच्चों को बहुत जल्दी-जल्दी सर्दी और जुकाम होता है, और वयस्कों को भी साल में दो से चार बार। कच्चा लहसुन खाने से खांसी, बुखार और सर्दी जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। प्रतिदिन दो कटी हुई लहसुन की कलियाँ खाना लाभ पाने का सबसे अच्छा तरीका है।
पेट की समस्या
क्या आपको पता है कि लहसुन और प्याज में फ्रुक्टेन1 होते हैं जो छोटी आंत में खराब अवशोषित हो सकते हैं। जब ये फ्रुक्टेन ठीक से पच नहीं पाते हैं, तो वे छोटी आंत में किण्वन करते हैं और सूजन, गैस, कब्ज और दस्त सहित कई भयानक आईबीएस लक्षणों का कारण बनते हैं।
सावन में लहसुन प्याज न खाने का कारण
सावन में लहसुन प्याज इस लिए नहीं खाना चाहिए क्योकिं लहसुन प्याज की तासीर गरम होती है जो शरीर में हीट जनरेट करने का काम करता है, इसलिए सावन के महीने में इन दोनों को भोजन में इस्तेमाल करने से मना किया जाता है।(किशन चौबे)