82
- इस आसन को करते समय शरीर हल की तरह दिखता है, इसलिए इसे हलासन कहते हैं। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से मोटापा, कब्ज, अपच और एसिडिटी की समस्या दूर हो सकती है।
खराब जीवनशैली और खानपान की गलत आदतों की वजह से आज ज्यादातर लोग मोटापे से ही नहीं बल्कि एसिडिटी की समस्या से भी काफी परेशान रहते हैं। एसिडिटी होने पर व्यक्ति खाना खाते ही सीने में जलन, खट्टी डकार और पेट फूलने जैसी समस्याओं की शिकायत करने लगता है। जबकि मोटापा शुगर, बीपी जैसी अन्य समस्याओं को जन्म देता है। अगर आपको भी एसिडिटी या मोटापे की शिकायत है तो अपने रूटिन में हलासन को जरूर शामिल करें। इस आसन को करते समय शरीर हल की तरह दिखता है, इसलिए इसे हलासन कहते हैं। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से मोटापा, कब्ज, अपच और एसिडिटी की समस्या दूर हो सकती है।
हलासन करने का तरीका –
हलासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेटकर अपने दोनों हाथों को शरीर के पास रखें और हथेलियां को जमीन की तरफ रखें। इसके बाद सांस भीतर की तरफ खींचते हुए अपने पैरों को धीरे-धीरे उठाते हुए 90 डिग्री का कोण बनाएं। अब अपनी पीठ को भी ऊपर की तरफ उठाते हुए सांस को बाहर छोड़ते जाएं। अब धीरे-धीरे अपने पैरों के पंजों को जमीन से छूने की कोशिश करें। ऐसा करते समय सांसों को भीतर की तरफ लें। इस स्थिति में 30 सेकेंड तक बने रहने के बाद धीरे-धीरे अपनी पहली अवस्था में लौट आएं।
हलासन करने के फायदे-
-हलासन पाचन तंत्र के अंगों की मसाज करते हुए पाचन सुधारने में मदद करता है। - हलासन मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वजन घटाने में भी मदद करता है। -हलासन रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाकर कमर दर्द में आराम देता है। -हलासन का नियमित अभ्यास करने से स्ट्रेस और थकान से निपटने में भी मदद मिलती है।