ब्लैक मनी का ट्रांजैक्शन रोकने चुनाव आयोग ने जारी की गाइडलाइन
भोपाल। विधानसभा चुनाव में ब्लैक मनी के ट्रांजेक्शन रोकने के लिए प्रत्याशियों पर चुनाव आयोग ने नया शिकंजा कसा है। आयोग ने तय किया है कि कोई भी चुनावी उम्मीदवार इस साल होने वाले चुनाव में दस हजार रुपए से अधिक राशि नकद खर्च नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा पूरा ट्रांजेक्शन आनलाइन या चेक के माध्यम से करना होगा। आयोग ने पिछले चुनाव में तय नकद खर्च की लिमिट बीस हजार को बढ़ाने के बजाय उसे घटा दिया है। रिटर्निंग अधिकारियों के अनुसार आयोग ने चुनाव खर्च को लेकर जो गाइडलाइन जारी की है उसके मुताबिक पूरे चुनाव के दौरान खर्च की जाने वाली राशि में टेंट, शामियाना, खाना-पीना, बिजली, वाहन किराया समेत चुनाव प्रचार का सारा भुगतान उम्मीदवार सिर्फ चेक या आनलाइन प्रोसेस से ही करेगा।
इस पूरे खर्च में वह सिर्फ दस हजार रुपए का भुगतान नकद कर सकेगा। इतना ही नहीं उसके द्वारा जो राशि भुगतान की जाएगी, उसका ट्रांजेक्शन भी सिर्फ उसी खाते से किया जाएगा जिसे वह नामांकन दाखिल करने की तारीख से एक दिन पहले खुलवाएगा। इस खाते के हर ट्रांजेक्शन पर आयोग की निगरानी रहेगी। इसके पहले 2018 में हुए चुनाव तक नकद राशि भुगतान की लिमिट 20 हजार रुपए तक थी।
कुल चालीस लाख कर सकेंगे खर्च
विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी कुल 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। प्रत्याशी जब नामांकन आवेदन जमा करेंगे तो भी सामान्य वर्ग के कैंडिडेट को दस हजार और एससीएसटी वर्ग के उम्मीदवार को पांच हजार रुपए जमा करने होंगे। इस दौरान निर्वाचन अधिकारी द्वारा उनको रजिस्टर दिया जाएगा जिसमें प्रत्याशियों को हर दिन का खर्च दर्ज करना होगा, जिसका बिल एवं पक्की रसीद भी साथ में रखनी होगी।गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में विधायक प्रत्याशी के खर्च की कुल सीमा 28 लाख रुपये तय की गई थी।
इसके साथ ही वह 20 हजार रुपये नकद तक खर्च कर सकता था लेकिन इस बार इसमें 10 हजार रुपये की कटौती की गई है। इस वजह से प्रत्याशी सभी तरह के खर्च में नकद भुगतान सिर्फ 10 हजार रुपये तक ही कर सकते हैं। इससे ऊपर के खर्च के लिए चैक एवं आनलाइन माध्यम से भुगतान करना होगा। इसके अलावा निर्वाचन क्षेत्र के अंदर 50 हजार रुपये से अधिक नकद राशि प्रत्याशी के पास नहीं होना चाहिए।
नया बैंक खाता ऐसे खुलेगा
चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी को चुनाव में खर्च के लिए नया बैंक खाता स्वयं एवं अपने एजेंट के नाम से खुलवाना होगा। इसी खाते के माध्यम से पूरा जमा एवं आहरण किया जाएगा। मतदान के तीन दिन पहले दिल्ली से आने वाली निर्वाचन टीम के सदस्यों द्वारा निर्वाचन खर्च रजिस्टर की जांच की जाएगी और कमी होने पर उसमें सुधार भी कराया जाएगा। इसके लिए रिटर्निंग अधिकारी नोटिस दे सकेंगे।
सही हिसाब नहीं दिया तो चुनाव लड़ने की अयोग्यता
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद सभी प्रत्याशी को निर्वाचन व्यय का लेखा- जोखा निर्वाचन अधिकारी को अपना व्यय एवं लेखा रजिस्टर, बिल, रसीद सहित जमा करना होगा। यदि किसी भी प्रत्याशी द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो वह विधानसभा, लोकसभा, विधान परिषद एवं राज्यसभा के निर्वाचन के लिए तीन साल तक आयोग्य घोषित हो जाएगा। इसके अलावा जुर्माना की कार्रवाई तक की जाएगी।
Even though election expenses have increased, candidates will not be able to spend more than Rs 10,000 in cash.