मध्यप्रदेश के सीधी जिले की घटना ने सबको शर्मसार कर दिया है। शराब के नशे में युवक पर पेशाब करनेवाले आरोपी प्रवेश शुक्ला की जितनी निंदा की जाए, कम है। यह अमानवीय घटना है। कोई कैसे इस प्रकार के अपराध को अंजाम दे सकता है, सब यही सोचकर हैरान हैं। स्थानीय भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के प्रतिनिधि बताए जा रहे प्रवेश शुक्ला के कुकृत्य का वीडियो जैसे ही सामने आया, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल कठोर कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए। अनुसूचित जनजाति समुदाय को लेकर यह मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है कि उन्होंने पुलिस प्रशासन को ऐसी कार्रवाई करने को कहा, जो आगे सबक बन सके। प्रशासन ने बिना देरी किए आरोपी की के विरुद्ध कठोर धाराओं में मामला दर्ज किया, उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत भी मामला पंजीबद्ध किया और देर रात को आरोपी को पकड़ कर सलाखों के पीछे डाल दिया गया। सामाजिक सद्भाव से जुड़े संवेदनशील मामले में मध्यप्रदेश सरकार की सक्रियता एवं संवेदनशीलता, सराहनीय है। इस मामले में जरा भी ढील दी जाती तो समाज में वैमनस्य पैदा करने के लिए तैयार बैठी ताकतों को भरपूर अवसर मिलता। हालांकि, कठोर कार्रवाई होने के बाद भी विपक्षी राजनीतिक दल, नेता एवं तथाकथित एक्टिविस्ट जातीय वैमनस्यता फैलाने के लिए सक्रिय हो गए। ऐसे भी लोग इस मामले को सवर्ण-दलित का एंगल देने का प्रयास कर रहे हैं, जो इस्लामिक अपराध को जाति एवं धर्म के आधार पर नहीं देखने के उपदेश देते हैं। हिन्दुओं को बदनाम करने और उनके बीच जातीय भेद को गहरा करने के लिए अवसर की खोज करनेवाले गिद्दों ने भी मामले को खूब लपका है। याद रखें कि अभी चार-पाँच दिन पहले ही शिवपुरी जिले में युवती को छेड़ने के आरोप में अनुसूचित जाति के दो युवकों के साथ इसी प्रकार का अमानवीय व्यवहार किया गया। दोनों युवकों के साथ मारपीट की गई, उनके मुंह काले किए गए, जूतों की माला पहनायी गई और मैला खिलाने की बात भी सामने आई है। परंतु हैरानी की बात है कि अनुसूचित जाति के युवकों की इतनी प्रताड़ना पर न तो कांग्रेस और उसके नेताओं ने आवाज उठायी, न ही तथाकथित दलित हितचिंतकों ने आक्रोश व्यक्त किया। दरअसल, अनुसूचित जाति के युवकों के साथ यह घिनौना अपराध करनेवाले मुस्लिम समुदाय के लोग थे। इसलिए कांग्रेस से लेकर प्रगतिशील एवं दलित एक्टिविस्ट, सब चुप्पी साध गए। हालांकि इस मामले में भी मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। पिछले दिनों राजधानी भोपाल से भी एक मामला सामने आया था, जिसमें मुस्लिम गुंडों ने एक हिन्दू युवक को कुत्ता बनाकर उसे प्रताड़ित किया और मुसलमान बनने के लिए दबाव डाला। याद रखें कि इस मामले में भी सेकुलर बिरादरी ने शांत रहना ही उचित समझा। वहीं, भाजपा सरकार ने यहाँ भी कठोर कार्रवाई करके पीड़ित को न्याय दिलाने का प्रयास किया है। एक मामले पर अति सक्रियता के साथ राजनीति करना और वैसे ही दूसरे मामलों पर चुप्पी साध जाने के प्रकरण बताते हैं कि विपक्षी राजनीति दलों की संवेदनाओं में कैसा पाखण्ड है। बहरहाल, यह संतोष की बात है कि भाजपा सरकार ने एक भी मामले में कार्रवाई करते हुए भेदभाव नहीं किया। निष्पक्षता के साथ आरोपियों पर कार्रवाई की गई है।
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