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जनजातीय समुदाय को प्रधानमंत्री की बड़ी सौगात

जनजातीय गौरव दिवस एवं जननायक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के प्रसंग पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समुदाय के संरक्षण एवं विकास के लिए 24 हजार करोड़ रुपये की सौगात दी है। जनजातीय समुदाय के नायक भगवान बिरसा मुंडा की धरती से उन्होंने ‘प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान’ की शुरुआत की है। यह योजना विलुप्त होने की कगार पर खड़ी जनजातियों की रक्षा करने के साथ ही उनको सशक्त करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा सरकार की सराहना करनी चाहिए कि उन्होंने जनजातीय समुदाय के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। 75 वर्षों में पहली बार अनुचित जनजाति समुदाय से आनेवाली महिला राजनेता को राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद पर पहुँचाने का ऐतिहासिक कार्य किया। यह नहीं भूलना चाहिए कि जो दल आज जनजाति समुदाय और पिछड़ा वर्ग के हितचिंतक बनने का प्रयास कर रहे हैं, उन्होंने ही सबसे पहले राष्ट्रपति पद के लिए द्रोपदी मुर्मु का विरोध किया। यहाँ तक कि विपक्ष ने अपना साझा उम्मीदवार भी मैदान में उतार दिया था। जबकि सबको सर्वसम्मति से द्रोपदी मुर्मु को चुनना चाहिए था। लेकिन कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने अनुसूचित जनजाति समुदाय की महिला राजनेता का विरोध किया। यह भी स्मरण रखना होगा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में स्थापित करने का यशस्वी कार्य भी मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की पहल पर केंद्र की मोदी सरकार ने किया। इस दिवस के बहाने आज हम जनजातीय नायकों के योगदान की चर्चा हो रही है। देश की स्वतंत्रता और संस्कृति की रक्षा के लिए जनजातीय नायकों ने कितना योगदान दिया है, पिछले दो-तीन वर्षों में व्यापक रूप से यह सब देश के सामने आया है। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव में भाजपा सरकार ने इस मिथक को तोड़ा कि देश को स्वाधीनता कुछेक लोगों के प्रयासों से मिली। अमृत महोत्सव के दौरान हमने जाना कि देश की स्वाधीनता में देश के कोने-कोने से अनाम योद्धाओं ने योगदान दिया है। जनजातीय समुदाय के नायकों ने भी देश की स्वतंत्रता एवं हिन्दू धर्म की रक्षा में अभूतपूर्व योगदान दिया। बहरहाल, जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समुदाय को सौगात देने के साथ ही ‘विकासशील भारत संकल्प यात्रा’ को भी हरी झंडी दिखायी और देशवासियों के सामने विकसित भारत के चार अमृत स्तंभ रखे। पहला- भारत की महिलाएं, दूसरा – भारत के किसान, तीसरा – भारत के नौजवान और चौथा – भारत का मध्यम वर्ग। प्रधानमंत्री मोदी ने ठीक ही कहा कि इन चारों स्तंभों को जितना मजबूत किया जाएगा, विकसित भारत की इमारत भी उतनी ही ऊंची उठेगी। यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं कि मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल से अब तक इन्हीं चारों स्तम्भों को मजबूत करने का काम किया है। महिलाओं, किसानों, युवाओं और मध्यम वर्ग के हाथ मजबूत करने की बात हो या जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयास, भाजपा सरकार ने हरसंभव प्रयास किया है। बहरहाल, यह भी महत्व की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी विधानसभा चुनावों का प्रचार छोड़कर जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा की भूमि पर उनको नमन करने पहुँचे। जबकि मध्यप्रदेश में बुधवार को प्रचार का आखिरी दिन था और वहाँ उनकी सभा की बहुत माँग थी। मध्यप्रदेश की जनता उनको सुनना चाहती थी। जनजातीय समुदाय के प्रति यह प्रधानमंत्री मोदी की आत्मीयता को भी प्रकट करता है। उम्मीद है कि ‘प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान’ अपने उद्देश्यों में सफल होगा।

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