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मोदी सरकार का बड़ा निर्णय ‘नारी शक्ति वंदन’

देश के लोकतंत्र एवं विकास में मातृशक्ति की सहभागिता बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक लाने का बहुप्रतीक्षित निर्णय लिया और नयी संसद में पहले ही दिन ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ प्रस्तुत करके इतिहास रच दिया। नयी संसद का यह पहला दिन नारी शक्ति वंदन विधेयक के लिए सदैव जाना जाएगा। इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की सराहना की जानी चाहिए। नयी संसद महिलाओं के बढ़ते स्वाभिमान की साक्षी बनेगी। विधेयक का नाम भी बहुत महत्व का है। लोकतंत्र में मातृशक्ति की सहभागिता बढ़ाने का यह निर्णय कोई उपकार नहीं है अपितु नारी शक्ति का वंदन है। एक विधेयक के नाम में भी किस प्रकार भारतीय विचार को लाया जा सकता है, यह विधेयक इस बात का सटीक उदाहरण है। महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए महिला आरक्षण विधेयक को लेकर अक्सर बातें होती रही हैं लेकिन कभी कोई सरकार यह साहस नहीं जुटा सकी। दरअसल, बड़े-बड़े पुरुष नेताओं को अपनी राजनीति खत्म होने का डर था। इसलिए महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए महिला आरक्षण विधेयक लाने के दावे और वायदे तो बहुत से नेता और राजनीतिक दल करते रहे लेकिन विगत 70 वर्षों में यह संभव नहीं हुआ। यह साहसिक निर्णय प्रधानमंत्री मोदी और उनकी कैबिनेट ही ले सकती थी क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की छवि परंपरागत राजनेता की नहीं है। वे राजनीति में उन लोगों को लाने के लगातार प्रयत्न करते हैं, जो पीछे छूट रहे हैं। फिर महिलाओं को सशक्त करने के लिए तो उनकी सरकार पहले दिन से संकल्पित है। मोदी सरकार की अब तक की योजनाएं एवं नीतियों का विश्लेषण किया जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि विगत आठ-नौ वर्षों में महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं और समाज निर्माण में उनकी भूमिका बढ़ी है। जनधन खाते खोलने की बात हो या फिर महिलाओं को धुंए से मुक्ति दिलाने का संकल्प हो, खुले में शौच से निजात दिलाने की बात हो या फिर अपना घर होने का प्रश्न हो, मोदी सरकार ने महिलाओं के हित में सभी प्रश्नों का निराकरण किया है। मजेदार बात है कि कांग्रेस कह रही है कि सरकार की ओर से संसद में महिला आरक्षण विधेयक लेकर आना उसकी जीत है, वह लंबे समय से महिला आरक्षण की माँग कर रही थी। सही अर्थों में तो सरकार के इस निर्णय ने कांग्रेस को आईना दिखा दिया है। कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए कि वह केवल बातों के बताशे बनाती रह गई, जबकि मोदी सरकार ने यह करके दिखा दिया। मोदी सरकार बातों के लिए नहीं अपने काम के लिए लोगों के बीच पहचानी जाती है। आज मोदी सरकार को लेकर लोगों के बीच में जो विश्वास का वातावरण है, उसके पीछे सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और काम का निष्पादन करने की मानसिकता है। यह सरकार महत्व के कार्यों को न तो अटकाती है और न ही लोगों को मुद्दे से भटकाती है। कांग्रेस के पास बहुत अवसर आए, जब उसे लोकतंत्र में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए यह निर्णय लेना चाहिए था। जब अवसर था तब कुछ किया नहीं, अब किसी और के कार्य पर श्रेय लेने के लिए उमड़ना, ठीक बात नहीं है। चंद्रयान-3 की सफलता के समय भी कांग्रेस ने इसी प्रकार की मानसिकता का प्रदर्शन किया था। चंद्रयान की सफलता के लिए तब कांग्रेस ने स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रेय देने का हास्यास्पद प्रयास किया था। बहरहाल, मोदी सरकार का यह निर्णय महिलाओं के सशक्तिकरण एवं देश के विकास को गति देगा ही, परंतु इसके अन्य प्रकार के परिणाम भी सामने आएंगे। जैसे पहले से ही मोदी सरकार की मुरीद महिलाएं, अब भाजपा के और निकट आ जाएंगी। देश की महिलाएं भली प्रकार से देख रही हैं कि केंद्र से लेकर मध्यप्रदेश तक भाजपा की सरकारें महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही हैं।

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