देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी दिखायी दे रही है, जिसके कारण स्वास्थ्य मंत्रालय सजग हो गया है। देश के विभिन्न शहरों में प्रमुख चिकित्सालयों में कोरोना से निपटने की तैयारियों का परीक्षण किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों से कोविड संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह भी किया है। हालांकि, देश में अभी कोरोना की स्थिति व्यापक और खतरनाक नहीं है लेकिन सावधानी रखना अत्यंत आवश्यक है ताकि स्थिति बिगड़ने न पाये। जिन लोगों ने कोरोना रोधी टीके का सतर्कता खुराक नहीं ली है, उन्हें जल्द ही समीप के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर सतर्कता खुराक ले लेनी चाहिए। यदि आवश्यक न हो तब अधिक भीड़-भाड़ के क्षेत्र में न जाएं। मास्क पहनने से भी हम कोरोना संक्रमण से बचे रह सकते हैं। ध्यान रहे कि हमें चिंतित नहीं होना है और घबराना नहीं है लेकिन आवश्यक सावधानी अवश्य रखनी है। जैसे हमने थोड़ी सतर्कता दिखायी तो कोरोना महामारी की तीसरी आवृत्ति को भारत में आने से रोक दिया था, वैसी ही सावधानी रखने से बढ़ते मामलों को भी नियंत्रित किया जा सकता है। कोरोना महामारी के प्रतिकूल एवं खतरनाक प्रभाव हम सबके ध्यान में हैं इसलिए सभी लोगों को लापरवाही छोड़कर, सतर्कता दिखानी चाहिए। सरकार ने जिस तरह देशभर में टीकाकरण अभियान चलाया था, उसके कारण से इस बात की आशंका कम ही है कि कोरोना महामारी अपने भयावह रूप में लौट पाएगी। बावजूद इसके यह मानना सही नहीं है कि कोरोना समाप्त हो गया है या इसका खतरा पूरी तरह टल चुका है। कोविड-19 का नया वेरिएंट एक्सबीबी.1.16 है जिसने दूसरे वेरिएंट्स की जगह ले ली है और तेजी से फैल रहा है। हाल के दिनों में इसके प्रसार में आई तेजी के पीछे यही नया वेरिएंट है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को भारत ने पिछले 24 घंटों में 5,880 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए, जो सक्रिय केस लोड को 35,199 तक ले गए। दैनिक पॉजिटिविटी दर 6.91 प्रतिशत है जबकि साप्ताहिक पॉजिटिविटीदर 3.67 प्रतिशत है। स्पष्ट है कि वायरस के प्रसार में आई इस तेजी की अनदेखी नहीं की जा सकती। हालांकि यह संख्या भी खतरनाक नहीं कही जा सकती। यह बात भी सही है कि वायरस का नया वेरिएंट वैसा मारक नहीं है। इससे संक्रमित होने के बाद सामान्य मरीज को बुखार होता है, जो धीरे-धीरे चढ़ता है, सिरदर्द, बेचैनी और गले में तकलीफ भी होती है, लेकिन एक-दो दिनों में ही यह ठीक भी हो जाता है। इससे मौत का अनुपात काफी कम है। लेकिन यह फैलता काफी तेजी से है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस पर नजर रखने की सलाह दी है। अब तक का अनुभव बताता है कि कोरोना वायरस न केवल रूप बदलता है बल्कि अपनी क्षमता में भी वृद्धि कर सकता है। ऐसे में नहीं कहा जा सकता कि इसका जो रूप कम खतरनाक नजर आ रहा है, वही फैल जाने के बाद नए रूप में ज्यादा खतरनाक नहीं हो जाएगा। स्वाभाविक ही, केंद्र सरकार ने इस पर कड़ी नजर बनाए रखी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में ताजा हालात के साथ संभावित चुनौतियों से निपटने की तैयारियों की भी समीक्षा की। बहरहाल, कोरोना से घबराने की नहीं अपितु सावधानी की आवश्यकता है। सतर्कता के सामने यह संक्रमण अपने हथियार डाल देता है।
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