कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में चुनावी अभियान की लगभग विधिवत शुरुआत कर दी है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने जबलपुर से चुनावी शंखनाद किया, इस दौरान उन्होंने बहुत से आरोप लगाए और बहुत से वायदे भी किए। कर्नाटक चुनाव में मिली सफलता से कांग्रेस अत्यधिक उत्साहित है। इसलिए कांग्रेस उन्हीं बातों को लेकर मध्यप्रदेश के चुनाव में भी जाने का मन बना रही है, जिन पर उन्हें लगता है कि कर्नाटक की जनता ने जनादेश दिया। हालांकि, उन घोषणाओं पर मध्यप्रदेश की जनता कितना विश्वास करेगी यह देखना होगा। जनता यह भी देख रही है कि कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस ने कैसे अपना रंग दिखाना शुरू किया है। गोहत्या, हिजाब और पाठ्यक्रम के मुद्दे पर जिस प्रकार के संकेत कांग्रेस के नेताओं ने दिए हैं, उनसे जनता में यह संदेश तो चला गया है कि कांग्रेस का हिंदुत्व चुनावी है। भले ही प्रियंका गांधी की चुनावी सभा से पूर्व प्रदेश में हनुमान जी की गदा को संकेत रूप में प्रदर्शित किया गया हो लेकिन हिंदुत्व के प्रति कितनी निष्ठा है, इसको लेकर विभिन्न प्रकार के मत हैं। हिंदू परंपराओं की जानकारी भी कम होने के कारण प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से कई गलतियां हो जाती हैं। जैसे नर्मदा जी की आरती करते हुए प्रियंका गांधी ने एक गड़बड़ कर दी, जिससे भाजपा को यह कहने का अवसर मिला कि गांधी–नेहरू परिवार के लोगों को हिंदू परंपराओं का ज्ञान नहीं है। बहरहाल, हिंदुत्व ऐसा विषय बन चुका है, जिससे अब कोई दूर रह नहीं सकता। यह भाजपा की बड़ी जीत है कि कांग्रेस भी आज स्वयं को हिंदू हितैषी दिखाने के लिए प्रयत्नशील है। कांग्रेस वायदा कर रही है कि उसकी सरकार आई तो वह महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपए आर्थिक सहायता देगी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को देखें तो इस दिशा में वे पहले ही बाजी मार चुके हैं। शिवराज सरकार ने प्रतिमाह 1000 रुपए देने के अपने वायदे को पूरा कर दिया है। महिलाओं के उत्साह को देखकर कहा जा सकता है कि वे कांग्रेस के वायदे पर आकर्षित नहीं होंगी। इसका एक और कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ का आकर भी बढ़ा दिया है और इसके अंतर्गत दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि को 3000 रुपए तक बढ़ाने का वायदा किया है। इसकी पूरी उम्मीद है कि सरकार अपना यह वायदा निभायेगी। इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महिला हितैषी होने की छवि और सशक्त हुई है। कांग्रेस भी जानती है कि प्रदेश की महिलाओं की पहली पसंद शिवराज सिंह चौहान है। इसलिए पिछले विधानसभा चुनाव में भी सरकार के खिलाफ वातावरण होने के बाद भी कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। महिलाओं के वोट को शिवराज के पाले से अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ही कांग्रेस महिलाओं को 1500 रुपए और गैस सिलेंडर 500 रुपए में देने का वायदा कर रही है। अपने भाषण में कर्जमाफी का जिक्र करके प्रियंका गांधी ने किसानों को भी आकर्षित करने का प्रयास किया। हालांकि, मध्यप्रदेश का किसान दूध का जला हुआ है, इसलिए वह भी प्रियंका गांधी के वायदे पर कितना भरोसा करेगा, अभी कह नहीं सकते। पिछली बार प्रियंका के भाई और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायदा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनी तो 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। लेकिन यह वायदा पूरा नहीं हुआ। इधर, इस बार शिवराज सरकार पहले ही किसानों का ब्याज माफ कर चुकी है। इसलिए किसानों का विश्वास भी एक बार फिर भाजपा जीतती हुई दिख रही है। बहरहाल, अब देखना होगा कि आने वाले समय में भाजपा कैसे मुकाबला करेगी। कांग्रेस का एक वायदा है जो भाजपा के लिए परेशानी बन सकता–कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देना। भाजपा को इसकी काट खोजना होगा क्योंकि कर्मचारियों में इस मुद्दे को लेकर बहुत चर्चा है।
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