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नशे के कारोबार पर चोट

मोदी सरकार के कई काम ऐसे हैं, जिनकी चर्चा कम होती है लेकिन एक बेहतर समाज निर्माण के लिए वे सब कार्य अत्यंत आवश्यक हैं। नये भारत के निर्माण के लिए संकल्पित मोदी सरकार यह जानती है कि वर्तमान समय में भारत की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में जा रही है। अगर उन्हें नशे की गिरफ्त से नहीं बचाया गया, तो हमें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसके लिए आवश्यक है कि भारत में तेजी से फैल रहे घातक नशे के कारोबार को रोका जाए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस संदर्भ में सरकार के संकल्प को दोहराया भी है कि उनकी सरकार भारत से नशे के अवैध कारोबार को जड़ सहित उखाड़ फेंकेंगे। इस दिशा में सरकार ने उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। पिछले दिनों ही मादक पदार्थ विरोधी अभियान के अंतर्गत देश के विभिन्न शहरों में लगभग 2,381 करोड़ रुपये कीमत के 1.40 लाख किलोग्राम ड्रग्स को नष्ट करने का काम किया है। इस कार्रवाई से सरकार ने अवैध कारोबार को खत्म करने का कड़ा संदेश नशे के कारोबार में लिप्त लोगों को दिया है। इसके साथ ही सरकार ने नशा उन्मूलन अभियान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को भी दिखाया है। नशे के अवैध कारोबार पर चोट की यह पहली कार्रवाई नहीं थी बल्कि नशीले पदार्थों को नष्ट करने का मोदी सरकार का अभियान लंबे समय से जारी है। पिछले वर्ष लगभग 12 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स नष्ट की गई थी। इस सबके बाद भी इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि जो नशीले पदार्थ जब्त और नष्ट किए जा रहे हैं, उनकी मात्रा उससे कहीं कम है, जो भारत में विभिन्न स्रोतों से लाए जा रहे हैं। यह सही है कि हाल के समय में तस्करी के जरिये लाए गए नशीले पदार्थों की बड़ी-बड़ी खेप बरामद की गई हैं और इन पदार्थों का कारोबार करने वालों की गिरफ्तारियां भी की गई हैं, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि जो तत्व भारत में नशीले पदार्थ भेज रहे हैं, उनके हौसले पूरी तौर पर पस्त हुए हैं। स्पष्ट है कि ऐसे उपाय करने की आवश्यकता है, जिससे भारत में नशीले पदार्थ आ ही न सकें। इसके लिए सीमाओं पर चौकसी बढ़ानी होगी और नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों पर शिकंजा भी कसना होगा। ऐसे तत्व देश के भीतर भी सक्रिय हैं और बाहर भी। इस सच से सभी को परिचित होना चाहिए कि नशीले पदार्थों का अवैध कारोबार करने वाले केवल युवाओं को नशे का लती बनाकर उनके और साथ ही देश के भविष्य को ही चौपट नहीं कर रहे हैं, बल्कि इस काले कारोबार से अर्जित धन का इस्तेमाल तमाम तरह की देश विरोधी गतिविधियों को संचालित करने और संगठित अपराध के साथ-साथ आतंकवाद को खाद-पानी देने के लिए भी कर रहे हैं। स्पष्ट है कि समाज और विशेष रूप से युवाओं को इसके लिए जागरूक करने की आवश्यकता है कि नशे की उनकी आदत उनके जीवन को नष्ट करने के साथ देश की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बनती है। नशा कैसे युवाओं को बर्बाद करता है, इसके तमाम उदाहरण पंजाब में हैं। ड्रग्स के खिलाफ जो लड़ाई छेड़ी गई है, उसमें सफलता तब मिलेगी, जब देश में नशीले पदार्थों की खपत की गुंजाइश ही नहीं रह जाएगी। इस गुंजाइश को खत्म करने में हमारे जागरूक युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि आम तौर पर उनके बीच ही नशीले पदार्थ खपाए जाते हैं। इसलिए सरकार के साथ भारत की युवा शक्ति को भी नशे के कारोबार के खिलाफ सामने आना चाहिए।

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