देश में 6 राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम बता रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी के प्रति जनता का विश्वास बना हुआ है। सात में से चार सीटों पर कमल खिला है। ओडिशा की धामनगर, उत्तरप्रदेश की गोला गोकर्णनाथ के साथ बिहार की गोपालगंज और हरियाणा की आदमपुर सीट पर भाजपा की जीत बहुत महत्वपूर्ण है। गोपालगंज में भाजपा ने ऐसे मुकाबले में जीत दर्ज की है जहां एक ओर वह अकेली खड़ी थी, वहीं दूसरी ओर नीतिश कुमार के नेतृत्व में आरजेडी और कांग्रेस के साथ लगभग समूचा विपक्ष एकजुट था। गोपालगंज की यह जीत बिहार में भाजपा की पकड़ को बता रही है। इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने अकेले दम पर महागठबंधन को पछाड़ देगी। वहीं, हरियाणा में भाजपा ने कांग्रेस को पराजित करके एक सीट अपने खाते में जोड़ी है। कांग्रेस ने इन उपचुनावों में अपनी दो सीट गंवाई हैं। उसके खाते में एक भी सीट नहीं आई है। कांग्रेस का यह प्रदर्शन उस समय है, जब राहुल गांधी देश में भारत जोड़ा यात्रा निकाल रहे हैं। कांग्रेस और उसके नेताओं के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भले ही राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ती हुई दिखाई जा रही हो लेकिन यह परिणाम बताते हैं कि अभी भी जनता उनको स्वीकार करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस और उसके नेताओं की नीयत और वायदों पर देश की जनता को भरोसा नहीं है। यह उपचुनाव किसी एक राज्य या भाजपा शासित प्रदेश के नहीं है, बल्कि उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक के चुनाव परिणाम हैं। तेलंगाना में कांग्रेस के मत प्रतिशत में अभूतपूर्व कमी दर्ज की गई है। कांग्रेस तीसरे स्थान पर अवश्य रही है लेकिन उसके पक्ष में मतदान अत्यंत कम हुआ है। जबकि भाजपा को वहाँ खूब समर्थन मिला है। भले ही भाजपा ने जीत दर्ज नहीं की, लेकिन उल्लेखनीय मत प्रतिशत के साथ उसने दूसरा स्थान प्राप्त किया है। राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा भारत के दक्षिणी हिस्से से ही शुरु हुई थी और उनकी यह यात्रा तेलंगाना भी पहुंची थी। कांग्रेस का दावा है कि भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ लाखों की संख्या में आम लोग जुड़ रहे हैं। जब तेलंगाना से यात्रा निकल रही थी, तब कांग्रेस ने भारी भीड़ के वीडियो एवं फोटो साझा करके यह बताने का प्रयास किया था कि यह यात्रा सफल सिद्ध हो रही है। लेकिन उपचुनाव का परिणाम बता रहा है कि उसी तेलंगाना में कांग्रेस का मत प्रतिशत काफी नीचे लगा गया है। यह सब संकेत कांग्रेस के लिए चेतावनी के तौर पर हैं। यदि कांग्रेस जमीन सच्चाई से अब भी भागती रही तब निकट भविष्य में होनेवाले विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाव भी उसके लिए प्रतिकूल परिणाम लेकर आएंगे। भाजपा को भी बेफिक्र नहीं होना चाहिए, उसे भी यदि जनता के इस विश्वास को बनाए रखना है तब उसे और अधिक मेहनत करनी चाहिए।
