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- ग्राहक मर्जी से चुन सकेंगे कार्ड नेटवर्क
- रिजर्व बैंक ने जारी किया ड्रॉफ्ट सर्कुलर
- स्टेकहोल्डर्स से 4 अगस्त तक मांगा सुझाव
नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड कार्ड इश्यू करने के नियमों को लेकर 5 जुलाई को ड्रॉफ्ट सर्कुलर जारी किया है. इसमें कहा गया है कि क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड किसी खास नेटवर्क के लिए जारी न किया जाए. सर्कुलर के मुताबिक, कार्ड सभी नेटवर्क में इस्तेमाल करने की छूट मिलनी चाहिए. इस सर्कुलर में कहा गया है कि डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड कार्ड्स जारी करने के लिए कार्ड्स नेटवर्क्स का कार्ड जारी करने वाले बैंकों या नॉन बैकिंग संस्थाओं के साथ समझौते की व्यवस्था है वो ग्राहकों के हक में नहीं है. आरबीआई ने इस ड्रॉफ्ट सर्कुलर पर स्टेकहोल्डर्स से 4 अगस्त 2023 तक सुझाव मांगा है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि कार्ड जारी करने वाले बैंक या नॉन बैंक कार्ड नेटवर्क्स के साथ ऐसा कोई समझौता या व्यवस्था नहीं करेंगे जो उन्हें दूसरे कार्ड नेटवर्क के सर्विसेज का उपयोग करने से रोकता हो. रिजर्व बैंक ने ड्रॉफ्ट सर्कुलर में कहा है कि कार्ड जारी करने वाले बैंक या नॉन बैंक और कार्ड नेटवर्क्स ये सुनिश्चित करेंगे कि वो इन नियमों को मौजूदा समझौते में संशोधन या रिन्युअल करने के दौरान इस सर्कुलर की तारीख से फ्रेश एग्रीमेंट एग्जीक्यूट करते समय इन नियमों का पालन करेंगे.
आरबीआई समिति ने रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने के लिए दिए कई सुझाव
दूसरी ओर, आरबीआई की एक समिति ने बुधवार (5 जुलाई) को रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने के लिये कई अल्पकालीन और दीर्घकालीन सुझाव दिए, इन सुझावों में घरेलू रुपये में विदेशी लेनदेन की भारतीय बैंकों को मंजूरी देने, प्रवासी नागरिकों को रूपया खाता खोलने की अनुमति और मसाला बांड पर होने वाली कर कटौती को वापस लेना शामिल हैं. आरबीआई के कार्यकारी निदेशक आर एस राठो की अध्यक्षता वाले अंतर विभागीय समूह (IDG) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण एक घटना न होकर एक प्रक्रिया है और इसके लिए अतीत में उठाए गए सभी कदमों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करने की जरूरत है.