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- इस महीने महंगाई दर 5.5 फीसदी से 6 फीसदी तक जा सकती है।
खाद्य मुद्रास्फीति, भू-राजनीतिक और जलवायु जोखिम के बावजूद, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ब्याज दर को मौजूदा 6.5 प्रतिशत से नहीं बदलेगी। अर्थशास्त्रियों ने ये बात कही है। उन्होंने ये भी कहा कि बेंचमार्क रेपो रेट वित्त वर्ष 2024 की आखिरी तिमाही तक स्थिर रहेगी। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने आईएएनएस से कहा, “यह निर्णय सर्वसम्मति से होगा। इस महीने महंगाई दर 5.5 फीसदी से 6 फीसदी तक जा सकती है। जून में भी खाद्य तेल की कीमतों के चलते मुद्रास्फीति कम होकर 4.8 फीसदी पर थी। वैश्विक बाजारों में अब खाद्य तेल की कीमतें बढ़ने लगी हैं। जीडीपी वृद्धि दर लगभग 8 प्रतिशत पर स्थिर रहने से यह चिंता का विषय नहीं होगा। इसलिए, यथास्थिति कायम रहेगी।” एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री और प्रमुख सुमन चौधरी ने आईएएनएस को बताया, “एमपीसी की अगस्त की बैठक अप्रैल 2023 के बाद से लगातार तीसरी बैठक होगी जब ब्याज दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रहेगी।” “तेल और खाद्य कीमतों में बढ़ोत्तरी के जोखिम के साथ-साथ लचीली घरेलू मांग और मुख्य मुद्रास्फीति का स्तर चालू कैलेंडर वर्ष में मौद्रिक नीति में कोई बदलाव की अनुमति नहीं देता। हमारा अनुमान है कि भारत में बेंचमार्क रेपो दरें चौथी तिमाही तक मौजूदा स्तर पर बनी रहेंगी।” चौधरी को उम्मीद है कि एमपीसी का निर्णय सर्वसम्मत होगा, हालांकि उन्होंने कहा कि इस बात पर बहस होगी कि आरबीआई क्या पोजिशन लेता है। “हालांकि इस मामले पर एमपीसी सदस्यों के बीच मतभेद होंगे, लेकिन हमारा मानना है कि मुद्रास्फीति परिदृश्य पर बढ़ती अनिश्चितता के बावजूद मौद्रिक नीति रुख अपरिवर्तित रहेगा।” केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने आईएएनएस को बताया कि आरबीआई वेट एंड वॉच पॉलिसी अपनाएगा और रेपो दर में बदलाव नहीं करेगा।