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- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पाइसजेट एयरलाइन को निर्देश दिया है कि वह एयरलाइन के पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन को 380 करोड़ रुपये का भुगतान करे।
नई दिल्ली , सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से विमानन कंपनी स्पाइसजेट को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पाइसजेट एयरलाइन को निर्देश दिया है कि वह एयरलाइन के पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन को 380 करोड़ रुपये का भुगतान करे। कोर्ट ने स्पाइसजेट को भुगतान के लिए और समय देने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने अपने फैसले में ये कहा
मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि व्यावसाय जगत में व्यावसायिक नैतिकता को बनाए रखने का यही एकमात्र तरीका है। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने भी जून महीने में सात साल पुराने शेयर हस्तांतरण से जुड़े इस मामले में स्पाइसजेट को मारन को 380 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था। अदालत ने एयरलाइन को चार सप्ताह के भीतर अपनी संपत्ति का ब्योरा देने का भी निर्देश दिया था। इसके बाद स्पाइसजेट ने सुप्रीम कोर्ट ने भुगतान की समयसीमा बढ़ाने की अर्जी लगाई थी।
क्या है पूरा मामला
स्पाइसजेट के पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन और वर्तमान प्रमोटर अजय सिंह के बीच 2015 में एक समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत सन नेटवर्क के मारन और उनकी निवेश इकाई केएएल एयरवेज़ने स्पाइसजेट में अपनी 58.46% हिस्सेदारी सिंह को स्थानांतरित कर दी थी। समझौते के बाद मारन और केएएल एयरवेज़ को वारंट और प्रेफरेंस शेयर जारी किए जाने थे, पर स्पाइजेट की ओर से कभी कभी जारी नहीं किया गया। साल 2018 में एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण (आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल) ने स्पाइसजेट के वर्तमान प्रमोटर को मारन को ब्याज के साथ 579 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश दिया था। उसके बाद हाईकोर्ट ने एयरलाइन को बकाए पर ब्याज के रूप में लगभग 243 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था। अब इस मामले में अगली सुनवाई 5 सितंबर को होनी है।