टेस्ला, स्पेसएक्स और ट्विटर जैसी कंपनियों के मालिक अरबपति ‘एलन मस्क’ को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। मस्क की ब्रेन चिप कंपनी न्यूरालिंक को जांच ते लिए इंसानों पर इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गई है। अभी तक कंपनी इलका ट्रायल जानवरों पर करती थी और अब वह इंसानों पर ट्रायल करेगी। न्यूरालिंक ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
न्यूरालिंक एक ऐसा यंत्र बना डिवेलप कर रही है, जो आपके कंप्यूटर, मोबाइल फोन या दूसरी डिवाइसेज को सीधे मस्तिष्क की गतिविधियों से कंट्रोल कर सकेगी। इस डिवाइस का सबसे ज्यादा फायदा दिव्यांगों और पैरालाइसिस की चपेट में आए लोगों को होगा। अपने ट्वीट में न्यूरालिंक ने लिखा है कि एफडीए की मंजूरी मिलना एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है। कंपनी ने कहा कि उसकी तकनीक एक दिन कई लोगों की मदद कर पाएगी।
कंपनी ने इसका नाम ‘लिंक’ दिया है। इसका आकार सिक्के जितना है। न्यूरालिंक कहती आई है कि उसका मकसद न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित लोगों के लिए जीवन को आसान बनाना है। कंपनी काफी वक्त से अमेरिकी सरकार से ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी चाह रही थी। अब जाकर उसकी कोशिश कामयाब हुई है।
एलन मस्क की चाहत थी कि इस प्रोजेक्ट को 2020 तक इजाजत मिल जाए, लेकिन इसमें देरी हुई है। इस प्रोजेक्ट पर पूरी दुनिया की निगाहें बनाए हुए हैं। मानव में प्रयोग करने में कोई भी गड़बड़ी होने पर कंपनी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि मस्क ने यंत्र पर पूरा भरोसा जताया है। यहां तक कि उन्होंने कहा था कि वह इसे अपने बच्चों पर भी लगाने को तैयार हैं।
वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार, न्यूरालिंक के पहले भी इस तरह के प्रोजेक्ट में सिंक्रोन नाम की कंपनी कार्य कर रही है। कंपनी को 2021 में अमेरिकी सरकार से मंजूरी मिली थी। सिंक्रोन ने ऑस्ट्रेलिया में भी 4 लोगों पर स्टडी पूरी कर ली है।
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