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- एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में आय में इजाफे का खुलासा हुआ है.
- साल 2011 में भारतीय मध्यम वर्ग की औसत आय 4.4 लाख थी.
- वित्त वर्ष 2022 तक यह उछलकर 13 लाख रुपये सालाना हो गई.
नई दिल्ली. भारतीय मध्यवर्ग की आय में वित्तवर्ष 2013 से वित्त वर्ष 2022 तक भारी उछाल आया है. एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. इनकम टैक्स रिटर्न के आंकड़ों पर आधारित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मीडिल क्लास भारतीयों की आय वित्त वर्ष 2013 में औसतन 4.4 लाख थी, जो वित्त वर्ष 2022 में 13 लाख रुपये सालाना हो गई. इस तरह आमदनी में लगभग तीन गुना तक इजाफा हुआ है. इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले मध्यम वर्ग के लोगों की आय में बढ़ोतरी दिखने के दो कारण है. बहुत से आयकरदाता इस अवधि में लोअर इनकम ग्रुप से अपर इनकम ग्रुप में पहुंच गए हैं. दूसरा, शून्य कर देयता वाली भरी जाने वाली आयकर रिटर्न की संख्या में भारी गिरावट आई है. इसी कारण औसतन इनकम में इजाफा दर्ज हुआ है. दस सालों में वर्ष-दर-वर्ष आय में इजाफा हुआ है. वित्त वर्ष 2011 में 1.6 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल की थी. इनमें से करीब 84 फीसदी आयकरदाताओं ने अपनी सालाना आया 5 लाख रुपये बताई थी. वहीं, वित्त वर्ष 2022 में 6.8 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल की थी जिनमें से 5 लाख की सालाना आय वाली आईटीआर केवल 64 फीसदी ही थी. यानी, वित्त वर्ष 2011 की तुलना में, वित्त वर्ष 2012 तक 13.6 प्रतिशत आबादी निम्न आय वर्ग को छोड़कर ऊपर की ओर पहुंच गई थी.
साल 2047 तक 49.9 लाख रुपये हो जाएगी सालाना कमाई
एसबीआई रिसर्च का दावा है कि टैक्स देने वालों की औसत आय वित्त वर्ष 2022 में 13 लाख रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 47 में 49.9 लाख रुपये हो जाएगी और भारत लोअर इनकम ग्रुप से हाई-इनकम ग्रुप इकोनॉमी की श्रेणी में आ जाएगा. आयकर देने वालों की संख्या में भी साल 2047 तक भारी इजाफा होगा. साल 2014 में कुल 21 लाख लोगों ने आईटीआर भरा था. साल 2023 में यह संख्या बढ़कर साढ़े आठ करोड़ हो गई है. साल 2047 तक इसके बढ़कर 48.2 करोड़ हो जाने की उम्मीद है.