ऑटोमोबाइल से लेकर सॉफ्टवेयर तक के बिजनेस से जुड़े टाटा समूह ने(Tata Group) ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में इस्तेमाल होने वाली इथीयम आयन की मैन्युफैक्चरिंग की गीगा फैक्टरी लगाने के लिए गुजरात सरकार के साथ एग्रीमेंट किया है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 130 अरब रुपये का इनवेस्टमेंट किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ग्रुप की सब्सिडियरी Tata Agaratas Energy Storage Solutions ने इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग वाली फैक्टरी लगाने के लिए राज्य सरकार के साथ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं। इसकी प्रोडक्शन कैपेस्टी 20 गीगावॉट आवर्स की होगी। इससे 13,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को 2070 तक कार्बन नेट जीरो बनाने का लक्ष्य रखा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की संख्या के लिहाज से भारत का स्थान अमेरिका और चीन के बाद है।
टाटा ग्रुप की इस फैक्टरी से लिथियम बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग में गुजरात एक अग्रणी बन जाएगा। राज्य सरकार ने बताया कि टाटा ग्रुप को इस फैक्टरी को लगाने के लिए सहायता दी जाएगी। इस बारे में Tata Group के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। टाटा ग्रुप की सब्सिडियरी Jaguar Land Rover ने EV की बैटरी के लिए एक बड़ी फैक्टरी लगाने की योजना बनाई है। हाल ही में टाटा ग्रुप की ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर, P B Balaji ने कहा था कि इलेक्ट्रिक कारों में लोकल कंपोनेंट्स की हिस्सेदारी बढ़ाने में इनकी बैटरी के लिए सेल मैन्युफैक्चरिंग को लोकलाइज करना महत्वपूर्ण है। इससे कंपनी को लोकल सप्लाई चेन तैयार करने में मदद मिलेगी।
हाल ही में राजस्थान में Lithium का बड़ा रिजर्व मिला था। कुछ महीने पहले देश का पहला लिथियम रिजर्व जम्मू और कश्मीर में खोजा गया था। ऐसा बताया जा रहा है राजस्थान में नागौर के देगाना में मिला लिथियम रिजर्व इससे कहीं अधिक है। इससे लिथियम के लिए भारत की चीन पर निर्भरता कम हो सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि राजस्थान में मिले इस रिजर्व से लिथियम की सप्लाई में चीन का दबदबा समाप्त हो सकता है। लिथियम के लिए भारत पूरी तरह विदेश से मिलने वाली सप्लाई पर निर्भर है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बैटरी के अलावा लिथियम का इस्तेमाल मोबाइल फोन, सोलर पैनल और लैपटॉप बनाने में भी किया जाता है।
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