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लड़ते-झगड़ते जीत ही गए एलन मस्क, टेस्ला के लिए नियम बदल रही सरकार!

  • नई इलेक्ट्रिक वीकल पॉलिसी पर काम कर रही सरकार
  • एलन मस्क की टेस्ला ने दिया है भारत आने का प्रस्ताव
  • 100% से घटकर 15% की जा सकती है इम्पोर्ट ड्यूटी
    नई दिल्ली:
    सरकार एक नई इलेक्ट्रिक वीकल पॉलिसी पर काम कर रही है। इसके तहत ऐसी ऑटो कंपनियों को इम्पोर्ट टैक्स में छूट दी जा सकती है जो देश में कुछ मैन्यूफैक्चरिंग करेगी। एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने भारतीय बाजार में एंट्री करने का प्रस्ताव दिया है। कंपनी ने भारत में इम्पोर्ट टैक्स कम करने की मांग की थी। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार पूरी तरह विदेश में बनी कारों के आयात पर इम्पोर्ट ड्यूटी 100 परसेंट से घटाकर 15 परसेंट कर सकती है। 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाली कारों के आयात पर 100 परसेंट इम्पोर्ट टैक्स लगता है जबकि बाकी कारों पर यह 70 परसेंट है। टेस्ला की बेस्ट सेलिंग कार मॉडल वाई है जिसकी अमेरिका में कीमत 47,740 डॉलर है। एक अधिकारी ने कहा कि टेस्ला के प्रपोजल पर एक अंडरस्टेंडिंग है और सरकार इसमें दिलचस्पी दिखा रही है। अगर सरकार इस तरह की पॉलिसी अपनाती है तो इससे देश में विदेशों से इम्पोर्ट की गई ईवी कारों की कीमत में भारी गिरावट आ सकती है। इससे दूसरी विदेशी ऑटो कंपनियां के लिए भी भारत के दरवाजे खुल सकते हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार मार्केट है लेकिन देश में ईवी कारों की सेल दो परसेंट से भी कम है। हालांकि इसमें तेजी से इजाफा हो रहा है। एक सूत्र ने कहा कि इम्पोर्ट टैक्स में कमी से टेस्ला भारत में अपने सारे मॉडल बेच सकती है। कॉमर्स और फाइनेंस मिनिस्ट्री ने इस पर टिप्पणी नहीं की। सूत्रों ने कहा कि यह पॉलिसी अभी चर्चा के शुरुआती दौर में है और फाइनल टैक्स रेट में बदलाव हो सकता है।
    टेस्ला का प्रपोजल
    टेस्ला ने 2021 में भारत में एंट्री करने की कोशिश की थी लेकिन कंपनी ने ईवी पर इम्पोर्ट टैक्स कम करने की मांग की थी। सरकार का कहना था कि पहले कंपनी को देश में मैन्यूफैक्चरिंग का वादा करना होगा, उसके बाद इस पर विचार किया जा सकता है। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत टूट गई थी और टेस्ला ने भारत आने का विचार छोड़ दिया था। जून में मस्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिका में मुलाकात की थी। इसके बाद से ही टेस्ला की भारत में एंट्री की सुगबुगाहट तेज हुई है। एक सूत्र ने कहा कि टेस्ला ने भारतीय अधिकारियों से कहा है कि 2030 तक भारत में उसकी फैक्ट्री पूरी क्षमता के साथ काम करना शुरू कर सकती है। हालांकि इम्पोर्ट टैक्स में छूट से टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों पर असर पड़ सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि सरकार टेस्ला को भारत लाने की इच्छुक है लेकिन इस पर जल्दबाजी में कुछ नहीं किया जाएगा। दूसरे कई देशों ने भी ईवी मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के उपाय किए हैं। उदाहरण के लिए इंडोनेशिया ने कारों पर इम्पोर्ट ड्यूटी 50 परसेंट से जीरो करने की पेशकश की है। माना जा रहा है कि चीन की कंपनियों और टेस्ला को आकर्षित करने के लिए यह ऑफर दिया जा रहा है।

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