आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं है। एआई को तेजी से विकसित किया जा रहा है। चैटबॉट के साथ अब साइबर सिक्योरिटी के हमले रोकने के लिए भी एआई टूल का इस्तेमाल किया जाएगा। एआई टूल ChatGPT के लॉन्च होते ही कई लोगों ने चिंता भी जाहिर की थी कि एआई के आने से नौकरियों पर खतरा बढ़ेगा। अब गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि एआई जैसी शक्तिशाली तकनीक भविष्य में कई नौकरियों को खत्म कर सकती है।
30 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं
गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जनरेटिव एआई से 300 मिलियन यानी 30 करोड़ नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई संभावित रूप से लगभग 300 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों की जगह ले सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, एआई ऑटोमेशन से अमेरिका और यूरोपीय संघ में कम से कम दो-तिहाई नौकरियां खतरे में हैं।
साथ ही अगर जेनेरेटिव एआई अपनी वादा की गई क्षमताओं को पूरा करता है, तो श्रम बाजार को महत्वपूर्ण व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है। जनरेटिव एआई वर्तमान कार्य के एक-चौथाई को खुद कर सकता है। यानी इसकी जद में कई लोगों की नौकरियां आ सकती है।
एआई के आगमन के साथ, श्रम लागत में कमी आएगी
गोल्डमैन सैक्स द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि एआई के कारण 44 प्रतिशत कानूनी नौकरियां और 46 प्रतिशत प्रशासनिक नौकरियां खत्म हो जाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक, कंस्ट्रक्शन और मेंटेनेंस सेक्टर में क्रमश: 6 फीसदी और 4 फीसदी नौकरियां प्रभावित होंगी. इसमें कहा गया है कि जेनेरेटिव एआई के साथ श्रम की मांग घटेगी और श्रम उत्पादकता वृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालाकि दूसरे पक्ष की बात करें तो एआई के आगमन के साथ, श्रम लागत में कमी आएगी, रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे और उत्पादकता में वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप गोल्डमैन सैक्स रिपोर्ट ने भविष्यवाणी की कि दुनिया भर में विकास को बढ़ावा मिलेगा।