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- पर्याप्त अनाज का उपयोग किसी एक राज्य की विशिष्ट श्रेणी के लोगों के बजाय 140 करोड़ भारतीयों के लाभ के लिए किया जाएगा।
नई दिल्ली, भारत सरकार के पास पर्याप्त चावल का भंडार है। कीमतों के नियंत्रित करने के लिए वह बाजार में हस्तक्षेप करेगी। इसके लिए एक बार दो बार नहीं, जितनी बार जरूरत होगी उतनी बार सरकार हस्तक्षेप करेगी। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा, पर्याप्त अनाज का उपयोग किसी एक राज्य की विशिष्ट श्रेणी के लोगों के बजाय 140 करोड़ भारतीयों के लाभ के लिए किया जाएगा। सरकार खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) नीति में बदलाव के लिए तैयार। पिछले सप्ताह 17 राज्यों के खाद्य मंत्रियों के साथ बैठक हुई। इसमें जहां 16 राज्य इस पर सहमत हुए कि इसका उपयोग एक राज्य के बजाय 140 करोड़ लोगों के लिए किया जाना चाहिए। कर्नाटक एकमात्र ऐसा राज्य था जो राज्यों को इसका लाभ देने का समर्थन कर रहा था। चोपड़ा ने कहा, देश को खाद्य सुरक्षा के तहत विभिन्न योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लिए 360 लाख टन धान की जरूरत है। केंद्र केवल कुछ राज्यों और कुछ लोगों को लाभ के लिए नहीं है। पिछले दो तीन सालों में 13 फीसदी उत्पादन घटा है। अल नीनो की स्थिति बनी हुई है। धान और गेहूं के उत्पादन में कमी आई है, इसलिए देश को इतना भंडार तो रखना होगा जो लोगों को जरूरत को पूरा कर पाए।
भारत की मुद्रा में व्यापार करेगा बांग्लादेश
द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश मंगलवार से भारत के साथ रुपये में व्यापार निपटाने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता घटाने का एक बड़ा कदम है, जो 2022 में वैश्विक विदेशी मुद्रा लेनदेन 90% में शामिल रहा है। भारतीय उच्चायोग और बांग्लादेश बैंक (बीबी) ढाका में एक कार्यक्रम के दौरान इस संबंध में घोषणा कर सकते हैं। इससे पता चलता है कि भारतीय रुपये का दबदबा बढ़ रहा है। बीबी के एक अधिकारी ने कहा, केंद्रीय बैंक के गवर्नर और भारतीय उच्चायुक्त भी इस बैठक में शामिल होंगे। बीबी ने पहले ही बांग्लादेश में तीन बैंकों- सोनाली बैंक, ईस्टर्न बैंक और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को पड़ोसी देश में अपने समकक्षों के साथ नोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दे दी है। यह एक ऐसा खाता है जो एक बैंक किसी विदेशी बैंक के साथ उस देश की मुद्रा में रखता है जहां धन रखा जाता है।
24 देश 2030 तक ला सकते हैं डिजिटल मुद्रा
दुनिया भर के दो दर्जन केंद्रीय बैंक 2030 तक डिजिटल मुद्रा ला सकते हैं। बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) ने सर्वे में कहा, दुनिया के केंद्रीय बैंक इस मुद्रा पर काम कर रहे हैं। वे खुदरा उपयोग के लिए इसे जारी कर सकते हैं। बीआईएस ने सर्वे में पाया कि अधिकांश केंद्रीय बैंक खुदरा क्षेत्र में डिजिटल मुद्रा लाएंगे, जहां कुछ देशों में पहले से ही लाइव डिजिटल मुद्रा चल रही है।