- रिलायंस उद्योग अपनी फाइनेंशियल सर्विसेज यूनिट का डीमर्जर किया है
- पहली तिमाही में आरआईएल का शुद्ध लाभ 16,011 करोड़ रुपये रहा
भोपाल: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) एक भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई, भारत में है। 1960 में धीरूभाई अंबानी द्वारा स्थापित, कंपनी पेट्रोकेमिकल, रिफाइनिंग, तेल और गैस अन्वेषण, दूरसंचार, खुदरा और बहुत कुछ सहित उद्योगों की एक विस्तृत श्रृंखला में काम करती है। आरआईएल भारत की सबसे बड़ी और सबसे मूल्यवान कंपनियों में से एक है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की 46वीं वार्षिक आम बैठक (ए.जी.एम.) 28 अगस्त को दोपहर 2:00 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। मुकेश अंबानी की कंपनी ने शुक्रवार को एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है। कुछ दिन पहले ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी वित्तीय सेवा इकाई को अलग कर दिया है। नई यूनिट का नाम जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (जे.एफ.एस) है। 20 जुलाई को ‘प्री-ओपन कॉल ऑक्शन’ में कंपनी के शेयर की कीमत 261.85 रुपये तय की गई थी। एजीएम में इसकी लिस्टिंग के बारे में जानकारी दी जा सकती है। बाजार पूंजीकरण के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए लाभांश प्राप्त करने के लिए योग्य शेयरधारकों को चुनने के लिए 21 अगस्त को ‘रिकॉर्ड तिथि’ तय की है। एजीएम में पेश प्रस्तावों पर वोट देने के योग्य सदस्यों के चुनाव के लिए 21 अगस्त की तारीख भी तय की गई है।
वित्तीय वर्ष 24 के पहले तिमह में क्या था आर.आई.एल का मुनाफ़ा
रिलायंस ने 21 जुलाई को Q1FY24 यानी अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे घोषित किए थे। कंपनी का शुद्ध मुनाफा 16,011 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल की समान तिमाही में यह 17,955 करोड़ रुपये था। यानी कंपनी का मुनाफा 11 फीसदी कम हो गया। पिछली तिमाही यानी Q4FY23 में कंपनी का शुद्ध लाभ 19,299 करोड़ रुपये था। रिलायंस उद्योग ने अपने निवेशकों के लिए 9 रुपये प्रति शेयर का लाभांश भी घोषित किया।
रिलायंस ने पिछले साल अपनी 45वीं एजीएम में कई अहम घोषणाएं
रिलायंस उद्योग ने पिछले साल अपनी 45वीं एजीएम में कई अहम खुलासे किए थे। 5G लॉन्च करने से पहले संपादित उन्मूलन के बारे में बताया गया था। मेटा और गूगल के सहयोग से एयर फाइबर सेवा शुरू करने की भी घोषणा की गई। (आशियान खान)