- एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी कंपनियों द्वारा बोली लगाने की उम्मीद है जिससे उनकी 5जी सेवाओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
नयी दिल्ली। स्पेक्ट्रम की 96,238 करोड़ रुपये मूल्य की नीलामी मंगलवार को शुरू हो गई। इसमें एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी कंपनियों द्वारा बोली लगाने की उम्मीद है जिससे उनकी 5जी सेवाओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी। रेडियो तरंगों की बिक्री प्रक्रिया 2010 में ऑनलाइन शुरू होने के बाद से यह 10वीं स्पेक्ट्रम नीलामी है। आखिरी बार अगस्त 2022 में नीलामी हुई थी, जिसमें पहली बार 5जी सेवाओं के लिए रेडियो तरंगें शामिल की गईं थीं।
बयान के अनुसार, ‘‘मौजूदा दूरसंचार सेवाओं को बढ़ाने और सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने के लिए सरकार मंगलवार 25 जून 2024 को स्पेक्ट्रम नीलामी होगी। यह सभी नागरिकों को सस्ती, अत्याधुनिक उच्च गुणवत्ता वाली दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।’’ दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू की है। इसके लिए आठ मार्च को आवेदन आमंत्रण नोटिस (एनआईए) जारी किया गया था। गौरतलब है कि 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में उपलब्ध सभी स्पेक्ट्रम 10वीं नीलामी का हिस्सा हैं।
रिलायंस जियो ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए सबसे अधिक 3,000 करोड़ रुपये की बयाना राशि जमा की है। इस आधार पर कंपनी अधिकतम रेडियो तरंगों के लिए बोली लगा सकती है। दूरसंचार विभाग के मुताबिक भारती एयरटेल ने 1,050 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने 300 करोड़ रुपये की बयाना राशि जमा की है। कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया लि. अपने स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क को कम करने के लिए विशेष रूप से 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में रणनीतिक अधिग्रहण पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।