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- आर.के. सिन्हा
्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दिल्ली यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोहों के अंत में मौजूद रहना इस बात की गवाही है कि यह कितना खास शिक्षण संस्थान है। महात्मा गांधी 12 अप्रैल, 1915 को पहली बार दिल्ली आए। उनके साथ कस्तूरबा गांधी जी भी थीं। उनका सेंट स्टीफंस कालेज के प्रिंसिपल सुशील कुमार रुद्रा ने स्वागत किया। वे रुद्रा साहब के कॉलेज परिसर में बने आवास में ही ठहरे। वह कश्मीरी गेट स्थित कॉलेज इमारत अब भी है। अब भी सेंट स्टीफंस कॉलेज प्रिंसिपल के कक्ष में एक बड़ी सी ग्रुप फोटो लगी है,जो गांधी जी की उस यात्रा की याद दिलाती है। गांधी जी उसके बाद भी यहां आते रहे। वे जब भी यहां आये तो उनका सेंट स्टीफंस और हिंदू कॉलेज के छात्रों और अध्यापकों ने स्वागत किया। हालांकि वे जब पहली बार दिल्ली आये थे तब दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्थापना तक नहीं हुई थी। तब तक यहां के कॉलेज पंजाब यूनिवर्सिटी का ही हिस्सा थे।
डीयू तो औचरिक रूप से 1922 में स्थापित हुई।बेशक राष्ट्र निर्माण में डीयू का योगदान शानदार रहा है। इसमें देशभर के नौजवान उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। सेंट स्टीफंस के अलावा हिंदू कॉलेज,श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, मिरांडा हाउस, इंद्रप्रस्थ कॉलेज, हंसराज कॉलेज वगैरह ने देश को ही नहीं दुनिया भर को कई राष्ट्रपति और प्रधावनमंत्री के अलावा हजारों-लाखों नौकरशाह, राजनीतिक नेता, आंत्रप्योनर, खिलाड़ी, एक्टर वगैरह दिये हैं। अगर बात हिंदू कॉलेज की करें तो इसकी स्थापना में दिल्ली के मशहूर समाज सेवियों जैसे लाला कृष्ण दास गुड़वाले, राय बहादुर सुल्तान सिंह और डॉ. ए.के. सेन ने दिन-रात मेहनत करके की थी। इसकी 1899 में ही स्थापना हो गई थी। ये सब चाहते थे कि दिल्ली में स्कूल-कॉलेज खुलें। इन सबने ही दिल्ली के चांदनी चौक में इंद्रप्रस्थ कन्या हिंदू विद्यालय स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। इस स्कूल ने दिल्ली की बेटियों को शिक्षित और स्वावलंबी बनाने में शानदार भूमिका निभाई है। बेशक, हिंदू कॉलेज तथा इंद्रप्रस्थ कन्या हिंदू विद्यालय विद्लाय ने राष्ट्र निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया है।
उधर, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) को कॉमर्स कोर्सेज के लिए भारत का सबसे उत्तम कॉलेज माना जाता है। यहां से ही केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली, टीवी पर्सनेल्टी रजत शर्मा, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जितेन प्रसाद भी पढ़े। अफ्रीकी देश मलावी के 2004-2012 तक राष्ट्रपति रहे बिंगु वा मुथारिका ने 1961 से 1964 तक श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ही ग्रेजुएशन की थी। दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस का भी अपना विशेष स्थान है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) में कॉलेजों की 2021 श्रेणी में देश के टॉप 100 कॉलेजों में मिरांडा हाउस अव्वल रहा था। सन 1948 में मिरांडा हाउस की स्थापना हुई। मिरांडा हाउस से पढ़कर निकली छात्राओं ने आर्ट, फिल्म,लेखन,सियासत वगैरह की दुनिया में भरपूर नाम कमाया। लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार, चित्रकार अंजली इलाल मेनन, फिल्मी हस्तियां जैसे मीरा नायर और नंदिता दास,सशक्त लेखिका ऱक्षंनादा जलील, उर्वशी भुटालिया और अनीता देसाई, डांसर और ब्यूरोक्रेट शोभना नारायण मिरांडा हाउस में ही पढ़ीं। इसी मिरांडा हाउस की छात्रा दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और माकपा नेता वृंदा कारत भी रही हैं। दिल्ली में श्रीराम कला केन्द्र की प्राण और आत्मा शोभा दीपक सिंह भी यहां ही पढ़ी हैं। मिरांडा हाउस की फैक्ल्टी दिल्ली यूनिवर्सिटी की सर्वेश्रेष्ठ मानी जाती रही है। इधर लंबे समय तक प्रिंसिपल रही जानकी अम्मा ने मिरांडा हाउस की फैक्ल्टी से बेहतरीन टीचर्स को जोड़ा। प्रभा दीक्षित तथा ललिता ईश्वरन ( राजनीतिक शास्त्र), मन्नू भंडारी (हिन्दी), कृष्णा इस्लोवे, मासूमा अली, वसंता मेनन (अंग्रेजी) जैसी अध्यापिकाएं मिरांडा हाउस में पढ़ाती रहीं हैं। प्रभा दीक्षित देश के तमाम अखबारों में सामयिक विषयों पर लिखती भी थीं।
डीयू की चर्चा करते हुये दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की अनदेखी करना असंभव है। इसकी स्थापना इसलिए हुई थी ताकि इकोनॉमिक्स, कॉमर्स और भूगोल जैसे विषयों पर गहन शोध हो सके। इससे देश के प्रख्यात अर्थशास्त्री जुड़ते रहे हैं अध्यापक के रूप में। यहां से निकले छात्रों ने अपने-अपने क्षेत्रों में ठोस काम भी किया।