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- प्रो. सुहास जोशी
राष्ट्र की विकास से संबंधित आकांक्षाओं को पूर्ण करने और संपूर्ण शिक्षा संरचना में सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 प्रारंभ की गई थी। यह समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना करती है और 2030 (एसडीजी-4) तक सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देती है। ज्ञान के बदलते परिदृश्य को स्वीजकार करते हुए, एनईपी 2020 विद्यार्थियों के लिए आवश्यक कौशल के रूप में महत्वपूर्ण चिंतन, समस्या-समाधान, रचनात्मकता और कल्पना पर जोर देती है। आईआईटी इंदौर ने एनईपी 2020 की भावना के अनुरूप परिवर्तनकारी दृष्टि को अंगीकार किया है और इस नीति के प्रमुख पहलुओं को अपने परिसर में लागू किया है। संस्थान ने विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए दो नए कार्यक्रम जेनेसिस और लाइव शुरू किए हैं। इसके अलावा, उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं, अंतः विषयक ज्ञान और अनुभवजन्ये शिक्षण को ध्यान में रखते हुए स्नातक शिक्षा संरचना में पूरी तरह बदलाव किया गया है। संशोधित संरचना विद्यार्थियों को अपनी अकादमिक रुचियों को आगे बढ़ाने और थीम-आधारित प्रयोगशालाओं में नवाचारी प्रयोगों में संलग्न होने की सुविधा प्रदान करती है।
आईआईटी इंदौर ने संवाद-आधारित शिक्षा को प्रोत्साहन देने हेतु लघु वैकल्पिक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत अर्थशास्त्र, लिबरल आर्ट्स, खगोल विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, डिजाइन थिंकिंग पाठ्यक्रमों और मेकर स्पेस जैसे बहु-विषयक पाठ्यक्रमों को भी शामिल किया है । संस्थान ने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की शुरुआत की है, जो विद्यार्थियों को उनकी रुचि के पाठ्यक्रमों में क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति देता है। आईआईटी इंदौर ने विद्यार्थियों की उपलब्धियों की प्रामाणिकता और स्वामित्व सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल क्रेडेंशियलिंग के लिए ब्लॉकचेन तकनीक लागू की है।
आईआईटी इंदौर ने मध्यप्रदेश सरकार के साथ सहयोग किया है और इन-बाउंड स्टूडेंट प्रोग्राम, मेधावी छात्रों के लिए मेंटरिंग और इंटर्नशिप और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षकों के लिए विशेष अंशकालिक पीएचडी कार्यक्रमों जैसे कदम उठाए हैं, जिनका उद्देश्य राज्य में प्रौद्योगिकी शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। इसके अतिरिक्त, संस्थान ने युवाओं में उद्यमिता और तकनीकी कौशल को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा में एस्ट्रोनॉमी टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की है। आईआईटी इंदौर आरयू टैग, उन्नत भारत अभियान और राष्ट्रीय आविष्कार अभियान जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण विकास और प्रौद्योगिकी के प्रति भी समर्पित है। इस पहल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान-उन्मुख सत्र और व्याख्यानों का आयोजन किया जाता है। संस्थान वंचित और दिव्यांपग विद्यार्थियों को परोपकारी संगठनों की वित्ती य सहायता से फेलोशिप और छात्रवृत्ति के साथ आर्थिक सहायता और सहयोग प्रदान करता है। संस्थान ने स्नातक कार्यक्रम में 38 छात्रों और अफ्रीकी देशों के 5 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमरीकी परोपकारी संगठन शरमन फाउंडेशन की सहायता से फेलोशिप प्रदान की है। इसके अलावा, आईआईटी इंदौर कामकाजी पेशेवरों के लिए एक्जीरक्यूगटिव डिग्री और प्रमाणपत्र कार्यक्रमों की पेशकश करता है, जिसमें आईआईएम इंदौर के सहयोग से डेटा साइंस और प्रबंधन में एम.एस. जैसा प्रमुख कार्यक्रम भी शामिल है। संस्थान विद्यार्थियों को एनपीटीईएल/स्वयं जैसे पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पाठ्यक्रम करने के लिए प्रोत्साहित करता है और इन पाठ्यक्रमों में अर्जित क्रेडिट के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है।