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- नरेंद्र सिंह तोमर
विगत एक पखवाड़े में दो ऐसे अवसर आए जब राष्ट्रवासियों को हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। पहला अवसर 10 अगस्त को लोकसभा में विपक्षी दलों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के प्रति उत्तर पर और दूसरा अवसर स्वतंत्रता की 77 वीं वर्षगांठ पर उपलब्ध हुआ जब प्रधानमंत्री जी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री जी के दोनों ही भाषण अमृतकाल में राष्ट्र की विकास यात्रा और वर्ष 2047 में स्वर्णिम भारत की आधारशिला है। मोदी जी के ये उद्बोधन प्रेरणा के वे स्त्रोत हैं, जिनसे जन-जन में नव ऊर्जा का संचार हुआ है।
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण का प्रारंभ ‘मेरे प्रिय 140 करोड़ परिवारजन’ के संबोधन के साथ किया है। यह मोदी जी की संवेदनशीलता है कि वे देश के प्रत्येक नागरिक को अपने परिवार का अभिन्न सदस्य मानते हैं। देश ही मोदी जी का परिवार है और इस परिवार के कल्याण के लिए ही वे दिन-रात सतत समर्पित रहते हैं। राष्ट्रकल्याण में परिवार सा अपनत्व और चिंता बिरले ही देखने को मिलता है, और इसी भाव से आज संपूर्ण सरकार ‘विकसित भारत’ के प्रण को पूर्ण करने के लिए कृत संकल्पित है। प्रधानमंत्री जी ने एक बार फिर लालकिले से मणिपुर की परिस्थितियों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि शांति से ही समाधान निकलेगा और इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर भरपूर प्रयास कर रहे हैं।
अमृत काल के इस प्रथम वर्ष की महत्वता को भी नरेंद्र मोदी जी ने अपने भाषण में समग्रता के साथ रेखांकित किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मेरे शब्द लिखकर रख लीजिए, अमृतकाल में उठाए गए हमारे कदम, हमारा त्याग और हमारी तपस्या से आने वाले एक हजार साल का देश का स्वर्णिम इतिहास उससे अंकुरित होने वाला है। इस कालखंड में होने वाली घटनाएं आगामी एक हजार साल के लिए इसका प्रभाव पैदा करने वाली हैं।
प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्र के जन-जन में एक नवीन जागृति को अनुभूत किया है। उन्होंने देखा है कि विगत साढ़े 9 वर्षों में कैसे सकारात्मक परिवर्तन लोगों की सोच में आए हैं और युवा शक्ति दृढ़ संकल्प के साथ राष्ट्र की प्रगति के लिए आगे बढ़ रही है। इसीलिए मोदी जी ने ‘पंच प्रण’ को आत्मसात कर सभी से इस विकास यात्रा का सहभागी बनने का आह्वान किया है। स्वंय प्रधानमंत्री जी के शब्दों में – ‘मेरी भारत माता जो कभी ऊर्जा का सामर्थ्य था, लेकिन राख के ढेर में दबी पड़ी थी। वो भारत माँ 140 करोड़ देशवासियों के पुरुषार्थ से, उनकी चेतना से, उनकी ऊर्जा से, फिर एक बार जागृत हो चुकी है। मां भारती जागृत हो चुकी है…’ । प्रधानमंत्री जी ने भारत की ‘डेमोग्रॉफी, डेमोक्रेसी और डाइवर्सिटी’ की त्रिवेणी के सामर्थ्य का सार्थक उपयोग कर राष्ट्र को वैश्विक स्तर पर अग्रणि स्थान प्राप्त करने का जो सूत्रपात किया है, वह एक क्रांतिकारी विचार है। कोई संदेह नहीं कि आने वाले कल में नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरी दुनिया में भारत का परचम फहराएगा। प्रधानमंत्री जी ने देश की माताओं-बहनों, किसानों, युवाओं श्रमिक वर्ग, प्रोफेशनल्स, का वंदन कर राष्ट्र विकास में उनकी भूमिका को सराहा है।
देशवासियों ने 2014 और 2019 में मोदी जी के कुशल एवं दूरदर्शी नेतृत्व में एक मजबूत, स्थिर और संवेदनशील सरकार बनाई है। इसी ध्येय निष्ठा, कुशलता और दृढ़ संकल्पशक्ति के आधार पर आज भारत दुनिया की 10 अर्थव्यवस्था से छलांग लगाकर पांचवे स्थान पर जा पहुंचा है। जैसा कि प्रधानमंत्री जी ने भी बताया कि पहले स्थानीय निकाय के विकास के लिए भारत सरकार के खजाने से 70 हजार करोड़ रूपया जाता था, आज वो 3 लाख करोड़ से भी ज्यादा जा रहा है। पहले गरीबों के घर बनाने के लिए 90 हजार करोड़ रूपया खर्च होता था, आज वो 4 गुना होकर के 4 लाख करोड़ से भी ज्यादा खर्च गरीबों के घर बनाने के लिए हो रहा है। मुद्रा योजना के तहत 8 करोड़ लोगों ने अपना नया रोजगार प्रारंभ किया है। 70 हजार करोड़ रुपए वन रैंक वन पेंशन योजना के माध्यम से सेना के सेवानिवृत्त नायकों के परिवार के पास पहुंचा है। देश की आर्थिक स्थिति तेजी से मजबूत हो रही है पिछले 5 वर्षों में 13 करोड़ लोग गरीबी की जंजीर तोड़कर न्यू मिडिल क्लास के रूप में उभरे हैं।
आर्थिक सशक्तिकरण में कृषि क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास विशेष उल्लेखनीय है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत ढाई लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में पहुंचे हैं जिससे किसानों के परिवारों में खुशहाली आई है। किसानों के लिए 10 लाख करोड़ रुपए की यूरिया सब्सिडी की राशि भारत सरकार द्वारा दिए जाने के कारण जो यूरिया बैग दुनिया के कुछ बाजारों में 3 हजार रुपए में मिलता है, हमारे किसानों को 300 रुपए में मिल पा रहा है। सरकार द्वारा जैविक खेती पर दिए गए खास ध्यान और किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) के माध्यम से भी किसानों का सशक्तिकरण हुआ है। नवीन तकनीकी की दिशा में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी पर काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री जी के शब्दों में यह ‘रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म’ का कालखण्ड है। नवकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, अंतरिक्ष विज्ञान, डीप सी मिशन, वंदे भारत और बुलेट ट्रेन, प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक बसें, क्वांटम कंप्यूटर जैसे तकनीकी हस्तांतरणों से देश तेजी से बदल रहा है।
विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री जी ने अमृतकाल में न्यू इंडिया के इसी विजन को सामने रखा है जिसमें देश के प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। प्रधानमंत्री जी ने स्पष्ट कहा है कि हमें भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण से मुक्ति पाना आवश्यक है। इन तीन बुराइयों से अगर राष्ट्र मुक्त हो जाए तो फिर प्रगति से हमें कोई नहीं रोक सकता है।
अमृतकाल के पहले सौपान पर प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्रवासियों में अपने उद्बोधन से जो ऊर्जा का संचार किया है, विश्वास है 2047 में विकसित भारत का जो संकल्प हमने उठाया है उसकी पूर्ति में यह प्रवाह नव उत्साह लेकर आएगा। आजादी के सात दशक बाद राष्ट्र नव उत्यान के लिए आगे बढ़ा है, मोदी जी के नेतृत्व में यह यात्रा हमें हमारे लक्ष्य पर अवश्य पहुंचाएगी।