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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जांच में कमी न आए

  • ऋषभ मिश्रा
    हम सबने अब मास्क पहनना छोड़ दिया है। सोशल डिसटेंसिंग को भी हम भूल चुके हैं। कोरोना के समय ये काम हम बार-बार करते थे लेकिन आज हम हाथ धोने से भी कतराते हैं। यहां तक कि अगर आज हमें कोई मास्क लगाए दिखता है तो उसका मजाक बनाते हैं। कुल मिलाकर हम कोरोना काल में बरती गई सावधानियों को भूल चुके हैं। हम उन दर्दनाक तस्वीरों को भी भूल गए हैं जब अस्पतालों में चीख पुकार मची हुई थी। अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे। शमशान में दाह संस्कार के लिए भी लम्बी लाइनें लगी हुई थीं। सवाल यह है कि क्या हम उसी रास्ते पर दुबारा से जा रहे हैं? क्योंकि देश में कोरोना वायरस की रफ़्तार बहुत तेज़ी से बढ़ रही है जो बहुत बड़े खतरे का संकेत है। देश के कई राज्यों में कोरोना टॉप गियर में है। जिसने केंद्र सरकार को भी अलर्ट कर दिया है। ‘मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर’ के मुताबिक़ अब तक महाराष्ट्र में कोरोना के कुल 2,117 एक्टिव केस पाए गए हैं जिसमें 161 नए केस पिछले चौबीस घंटों में दर्ज किए गए हैं। वहीं गुजरात में कोरोना के 1,697 एक्टिव केस मिले हैं जिसमें 168 नए केस पिछले चौबीस घंटों में देखे गए हैं। देश की राजधानी दिल्ली में 528 एक्टिव केस हैं और 57 नए केस पिछले चौबीस घंटों में सामने आए हैं। कर्नाटक में 792 एक्टिव केस हैं और यहां पिछले चौबीस घंटों में 109 नए केस का पता चला है। तमिलनाडु में कुल 608 एक्टिव केस हैं और यहां पर भी वायरस ने अपनी रफ़्तार बढाई हुई है, यहां पिछले चौबीस घंटों में 26 नए केस दर्ज किए गए हैं। तो वहीं केरल का सबसे बुरा हाल है यहां कुल एक्टिव केस की संख्या 2,471 है जिसमें 160 केस पिछले चौबीस घंटों में दर्ज किए गए हैं।
    हमारे देश में कोरोना संक्रमण किस गति से फ़ैल रहा है उसको समझने के लिए आंकड़ों को देखें तो भारत में 8 मार्च तक कोरोना के कुल 2,082 एक्टिव केस थे जो 15 मार्च तक बढ़कर 3,264 हो गए। वहीं 16 मार्च को एक दिन में कोरोना के 700 से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं और अब देश में एक्टिव केस 10,000 से ज्यादा हैं। अब तक इस वायरस की रफ़्तार दोगुनी से भी ज्यादा गति से बढ़ी है। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल की सरकारों को चिठ्ठी लिखकर सावधानी बरतने के साथ ‘मैक्रोलेवल’ पर ‘सर्विलांस टेस्टिंग’ और ‘मॉनिटरिंग’ बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार ने कोविड-19 और मौसमी इन्फ्लुएंजा के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों की तैयारियों को जांचने के उद्देश्य से अप्रैल माह में राष्ट्रव्यापी ‘मॉकड्रिल अभियान’ चलाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसन्धान परिषद (आईसीएमआर) की तरफ से सभी जिलों के सार्वजनिक अथवा निजी स्वास्थ्य केंद्रों को इस अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। मॉकड्रिल का उद्देश्य दवाओं,अस्पतालों में बिस्तरों, चिकित्सा उपकरणों,और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता की समीक्षा करना है। कमी पेशी की सूरत में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

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